🗳️ Uttarakhand में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव का बजा बिगुल
Uttarakhand में लोकतंत्र का पर्व एक बार फिर दस्तक दे चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनावों का औपचारिक ऐलान कर दिया है। साथ ही 12 जिलों में आचार संहिता भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
🗓️ Uttarakhand पंचायत चुनाव 2025 का शेड्यूल: जानिए कब क्या होगा
प्रक्रिया | तिथि | समय |
---|---|---|
नामांकन दाखिल | 11 अगस्त 2025 | सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक |
नामांकन वापसी | 12 अगस्त 2025 | सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक |
मतदान | 14 अगस्त 2025 | सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक |
मतगणना | 14 अगस्त (मतदान समाप्ति के तुरंत बाद) | — |
🏷️ जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण: कौन से जिले किस श्रेणी में?
पंचायती राज विभाग ने पहली बार OBC आरक्षण के लिए गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की सिफारिशों को लागू किया है। इसके तहत ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक के सभी पदों का आरक्षण तय किया गया है।
जिला | आरक्षण स्थिति |
---|---|
उत्तरकाशी | अनारक्षित |
टिहरी | महिला |
पौड़ी | महिला |
रुद्रप्रयाग | महिला |
चमोली | अनारक्षित |
देहरादून | महिला |
ऊधमसिंहनगर | अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) |
नैनीताल | अनारक्षित |
अल्मोड़ा | महिला |
चंपावत | अनारक्षित |
बागेश्वर | अनुसूचित जाति महिला (SC) |
पिथौरागढ़ | अनुसूचित जाति (SC) |
📝 अंतिम आरक्षण अधिसूचना: सभी आपत्तियां हुईं खारिज
1 अगस्त को सचिव पंचायती राज चंद्रेश कुमार ने जब अनंतिम अधिसूचना जारी की, तब 2–5 अगस्त के बीच पूरे प्रदेश से कुल 42 आपत्तियां प्राप्त हुईं। सबसे अधिक आपत्तियां देहरादून से आईं।
इन सभी पर 6 अगस्त को समिति ने विचार किया और 7 अगस्त को अंतिम आरक्षण जारी कर दिया गया।
अब इसी आरक्षण के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया पूरी करेगा।
✅ ओबीसी आरक्षण लागू होने का पहला मौका
यह पहली बार है जब उत्तराखंड की पंचायत चुनाव प्रक्रिया में ओबीसी वर्ग को अलग से आरक्षण दिया गया है। इससे राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर नई बहस और नई उम्मीदें पैदा हुई हैं। यह निर्णय सामाजिक समावेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
📌 निष्कर्ष: Uttarakhand में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी जोरों पर
Uttarakhand के 12 जिलों में पंचायत चुनाव 2025 को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। नई आरक्षण व्यवस्था के तहत अब महिलाएं, ओबीसी और एससी वर्ग के प्रतिनिधियों को अधिक अवसर मिलेंगे। इससे स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी और समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ेगा।
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