Ex_CM_Operation Kalnemi

Operation Kalnemi पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी प्रतिक्रिया

देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा फर्जी साधु-संतों के खिलाफ चलाए जा रहे Operation Kalnemi को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा सही है लेकिन कार्यप्रणाली में सुधार और सावधानी की जरूरत है।


🔍 Operation Kalnemi का उद्देश्य सही, लेकिन कार्यशैली पर उठे सवाल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य प्रदेश में फर्जी बाबाओं की पहचान और सफाई करना है। इसी पर बोलते हुए त्रिवेंद्र रावत ने कहा:

“उत्तराखंड में कई ऐसे लोग भगवा पहनकर घूम रहे हैं जिनका सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं है। उनका मकसद सिर्फ धर्म की आड़ में लोगों को भ्रमित करना है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसमें निर्दोषों को न घसीटा जाए।”


⚖️ “कालनेमी” का नाम और प्रतीकात्मकता पर विचार की अपील

रावत ने “कालनेमी” शब्द के प्रयोग को लेकर भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा:

“कालनेमी रावण का मित्र था और भगवान राम का विरोधी था। ऐसे में हमें देखना होगा कि आज के समय में कौन राम के पक्ष में है और कौन रावण के। ऑपरेशन को सही दिशा देने के लिए प्रशासन को गंभीरता से काम करना होगा।”


🧘‍♂️ “साधारण भिक्षुकों और फर्जी बाबाओं में हो फर्क”

पूर्व मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से कहा कि उन लोगों को इस अभियान में शामिल नहीं करना चाहिए जो धार्मिक परंपराओं के अनुसार भीख मांगते हैं या समाज के हाशिए पर हैं।

“जो गरीब और असहाय हैं, जो अपनी आजीविका के लिए भिक्षा मांगते हैं, उनके लिए कालनेमी जैसा नाम इस्तेमाल करना उचित नहीं है। उनके लिए कोई अन्य समाधान तलाशना चाहिए।”


📜 Operation Kalnemi के अंतर्गत की गयी गिरफ्तारी और धाराओं पर भी उठाए सवाल

पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह भी कहा कि जिन फर्जी बाबाओं को पकड़ा गया, उन्हें किन धाराओं में गिरफ्तार किया गया, यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा:

“सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार, 7 साल से कम की सजा वाले अपराध में गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। ऐसे में सरकार को कानूनी पहलुओं पर भी विचार करना होगा।”

Video Source

READ MORE – भेष बदलकर लोगों को बना रहा था मूर्ख! ऑपरेशन कालनेमि में सतीश’ निकला ‘सलीम…


🧩 निष्कर्ष

पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान Operation Kalnemi को लेकर एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। उन्होंने सरकार के उद्देश्य का समर्थन किया लेकिन यह भी कहा कि कार्रवाई में निष्पक्षता और संवेदनशीलता बनाए रखनी चाहिए। धर्म, गरीबी और अपराध के बीच अंतर को समझते हुए नीति बनाना वक्त की मांग है।


FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. Operation Kalnemi क्या है?

उत्तर: Operation Kalnemi उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाया गया एक विशेष अभियान है जिसका उद्देश्य फर्जी साधु-संतों की पहचान कर उन पर कानूनी कार्रवाई करना है।

Q2. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऑपरेशन कालनेमी पर क्या प्रतिक्रिया दी?

उत्तर: उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य सही है, लेकिन कार्यप्रणाली में संतुलन और संवेदनशीलता जरूरी है। निर्दोष लोगों को इससे परेशान नहीं किया जाना चाहिए।

Q3. कालनेमी नाम को लेकर क्या सुझाव दिया गया?

उत्तर: त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि कालनेमी रावण का साथी था, इसलिए प्रशासन को यह देखना चाहिए कि आज कौन राम के पक्ष में है और कौन रावण के।

Q4. क्या इस अभियान में भिक्षुकों को भी टारगेट किया जा रहा है?

उत्तर: रावत ने सुझाव दिया कि सामान्य रूप से धार्मिक रीति से भीख मांगने वाले भिक्षुकों को इस अभियान से बाहर रखा जाना चाहिए और उनके लिए अलग समाधान सोचना चाहिए।

Q5. क्या गिरफ्तारियों में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है?

उत्तर: त्रिवेंद्र रावत ने सवाल उठाया कि फर्जी बाबाओं को किन धाराओं में गिरफ्तार किया गया, यह स्पष्ट नहीं है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, 7 साल से कम की सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *