Pm poshan Yojna Scam Dehradun

PM Poshan Yojna Scam Dehradun

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में PM Poshan Yojna (प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना) में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। रायपुर थाना क्षेत्र में संविदा कर्मी नवीन सिंह रावत पर बच्चों के मिड डे मील की बची धनराशि को अपने निजी खातों में ट्रांसफर करने का गंभीर आरोप लगा है। इस पूरे मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


💰 तीन साल से चल रहा था फर्जीवाड़ा

जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती द्वारा 20 जुलाई 2025 को रायपुर थाने में दी गई शिकायत के अनुसार, नवीन सिंह रावत पिछले 10 वर्षों से उपनल के माध्यम से शिक्षा विभाग में एमआईएस समन्वयक के रूप में कार्यरत हैं। PM Poshan Yojna के अंतर्गत देहरादून के सभी सरकारी विद्यालयों में मिड डे मील योजना की मॉनिटरिंग और फंड ट्रांसफर की जिम्मेदारी इन्हें सौंपी गई थी।

लेकिन विभाग को शक होने पर जुलाई 2025 में जांच की गई, जिसमें पता चला कि वर्ष 2023 से लेकर अब तक लगभग ₹3.15 करोड़ की सरकारी राशि को नेट बैंकिंग का दुरुपयोग करते हुए अलग-अलग अज्ञात खातों में भेजा गया।


🏦 केनरा बैंक पोर्टल का दुरुपयोग

प्रेमलाल भारती के अनुसार, योजना के संचालन के लिए CSS Portal पर केनरा बैंक की नेट बैंकिंग का उपयोग किया जाता था, जिसमें नवीन सिंह को “Maker” की भूमिका दी गई थी। इसी पोर्टल का दुरुपयोग कर उन्होंने विभाग की अनुमति के बिना बड़ी मात्रा में फंड ट्रांसफर किए।


✅ विभागीय जांच में आरोप साबित

आंतरिक जांच में नवीन सिंह के खिलाफ आरोपों की पुष्टि हो चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, फर्जीवाड़ा बेहद योजनाबद्ध तरीके से पिछले तीन सालों से चल रहा था, जिसकी भनक अब विभाग को लगी है।


🚓 मुकदमा दर्ज, गिरफ्तारी संभव

थाना रायपुर के प्रभारी निरीक्षक गिरीश नेगी ने बताया कि PM Poshan Yojna में घोटाले को लेकर संविदा कर्मी नवीन सिंह रावत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस द्वारा जांच जारी है और साक्ष्य मिलने के बाद गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।


📌 इस खबर से जुड़ी प्रमुख बातें:

  • ✔️ PM Poshan Yojna के तहत ₹3.15 करोड़ का गबन
  • ✔️ संविदा कर्मी नवीन सिंह रावत पर मामला दर्ज
  • ✔️ CSS पोर्टल और नेट बैंकिंग का दुरुपयोग
  • ✔️ 2023 से 2025 तक चला गबन
  • ✔️ गिरफ्तारी जल्द संभव

📣 क्या कहता है कानून?

सरकारी धन के गबन के मामलों में दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ निलंबन, सेवा से बर्खास्तगी के साथ-साथ आपराधिक मुकदमा और सजा का प्रावधान होता है। ऐसे मामलों में CBI जांच की भी सिफारिश की जा सकती है यदि मामला बड़े स्तर पर जाता है।


🧒 बच्चों का हक़ छीना गया

मिड डे मील योजना का उद्देश्य गरीब व जरूरतमंद बच्चों को पोषण युक्त भोजन प्रदान करना है। ऐसे में इस तरह की धोखाधड़ी देश के भविष्य यानी बच्चों के हक पर चोट करने के समान है। इस मामले ने सरकारी योजनाओं की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

📚 FAQ – PM Poshan Yojna Scam Dehradun

❓ PM Poshan Yojna क्या है?

उत्तर: PM Poshan Yojna (प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना) भारत सरकार की एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों और सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील (दोपहर का भोजन) उपलब्ध कराना है ताकि उनके पोषण स्तर और स्कूली उपस्थिति में सुधार हो सके।

❓ देहरादून में PM Poshan Yojna में कितना घोटाला हुआ है?

उत्तर: देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र में सामने आए इस घोटाले में संविदा कर्मचारी पर लगभग ₹3.15 करोड़ की सरकारी राशि बिना अनुमति के अज्ञात खातों में ट्रांसफर करने का आरोप है।

❓ घोटाले में आरोपी कौन है?

उत्तर: घोटाले का मुख्य आरोपी नवीन सिंह रावत है, जो पिछले 10 सालों से उपनल के माध्यम से शिक्षा विभाग में एमआईएस समन्वयक के पद पर कार्यरत था।


❓ यह फर्जीवाड़ा कितने समय से चल रहा था?

उत्तर: जांच में सामने आया है कि यह घोटाला वर्ष 2023 से लेकर 2025 तक करीब तीन वर्षों तक चलता रहा और विभाग को हाल ही में इसकी जानकारी लगी।

❓ पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?

उत्तर: जिला शिक्षा अधिकारी की शिकायत पर रायपुर थाने में आरोपी नवीन सिंह रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोप सिद्ध होने पर गिरफ्तारी की जाएगी।

❓ PM Poshan Yojna में ऐसा घोटाला दोबारा न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?

उत्तर: इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए वित्तीय लेन-देन की निगरानी, सख्त ऑडिट व्यवस्था, और सिस्टम में मल्टी-लेवल अप्रूवल मैकेनिज्म को लागू करने की सिफारिश की जा रही है।

❓ क्या आरोपी को बर्खास्त किया गया है?

उत्तर: विभागीय जांच में आरोपी के खिलाफ आरोप सिद्ध हो चुके हैं। प्रारंभिक रूप से एफआईआर दर्ज कर ली गई है, आगे की कार्रवाई जैसे निलंबन या सेवा समाप्ति जांच के निष्कर्षों पर आधारित होगी।

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