कोटी गांव में गुलदार कैद

पौड़ी में थमी दहशत , कोटी गांव में कैद हुआ गुलदार , वन विभाग ने किया रेस्क्यू…

Pauri के डोभाल ढांडरी और कोटी गांव में वन विभाग के पिंजरे मे कैद हुआ गुलदार

उत्तराखंड के पौड़ी जिले के डोभाल ढांडरी और कोटी गांव में लंबे समय से दहशत का कारण बने गुलदार को आखिरकार वन विभाग की टीम ने पिंजरे में पकड़ लिया है। यह कार्रवाई शनिवार को उस समय सामने आई जब कोटी गांव के पास लगाए गए पिंजरे में गुलदार फंस गया।

गुलदार को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू कर नागदेव रेंज, पौड़ी पहुंचाया गया है, जहां पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। वन विभाग के अनुसार मेडिकल जांच के बाद आगे की कार्रवाई उच्च अधिकारियों के निर्देश पर की जाएगी।


पिंजरे में कैद गुलदार, गांव में लौटी राहत

डोभाल ढांडरी और कोटी गांव में बीते कुछ सप्ताह से गुलदार की गतिविधियों में तेज़ी देखी जा रही थी। ग्रामीणों के अनुसार, सुबह और शाम के समय गुलदार की मौजूदगी से लोग खेत, जंगल और रास्तों पर जाने से डरने लगे थे।

इसी खतरे को देखते हुए वन विभाग पौड़ी द्वारा विशेष निगरानी अभियान शुरू किया गया था। पिंजरे, ट्रैप कैमरे और गश्त के जरिए जंगल से सटे इलाकों को कवर किया जा रहा था।

शनिवार सुबह जब ग्रामीणों को पिंजरे में गुलदार के फंसे होने की सूचना मिली, तो गांव में बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और गुलदार को सुरक्षित वाहन से नागदेव रेंज भेजा गया।

Terrifying Leopard in Pauri Caged
पौड़ी में थमी दहशत , कोटी गांव में कैद हुआ गुलदार , वन विभाग ने किया रेस्क्यू... 4

Pauri वन विभाग का विशेष अभियान, कई इलाकों में ट्रैप कैमरे लगाए गए

वन विभाग ने इस पूरे इलाके को संवेदनशील मानते हुए बहुस्तरीय निगरानी योजना लागू की थी।

उठाए गए प्रमुख कदम:

  • जंगल किनारे के गांवों में पिंजरे लगाए गए
  • मोबाइल ट्रैप कैमरे लगाए गए
  • वन कर्मियों की नियमित गश्त
  • स्थानीय नागरिकों को अलर्ट किया गया
  • स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था
  • जंगल कार्य में जाने वाली महिलाओं को समूह में भेजा जाना

वन विभाग की मानें तो गुलदार को पकड़ने के लिए कोटी क्षेत्र में कुल दो पिंजरे लगाए गए थे, जिनमें से एक में गुलदार फंसने की पुष्टि हुई है।


रेंजर दिनेश नौटियाल का बयान

Pauri वन विभाग के रेंजर दिनेश नौटियाल ने जानकारी देते हुए बताया:

“कोटी गांव के पास दो पिंजरे लगाए गए थे। एक पिंजरे में गुलदार कैद हुआ है। उसकी उम्र लगभग चार वर्ष आंकी गई है। फिलहाल उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई होगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पूरे क्षेत्र को सुरक्षित घोषित नहीं किया जाता, अभियान जारी रहेगा।


महिला की मौत के बाद गुलदार घोषित हुआ आदमखोर

कुछ दिनों पहले कोटी गांव में एक महिला की गुलदार के हमले में मौत हो गई थी, जिसके बाद वन विभाग ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया था। उच्च स्तर से शूट करने की अनुमति भी दी जा चुकी थी।

वहीं, डोभाल ढांडरी क्षेत्र में भी एक महिला घायल हुई थी, जिसके बाद वहां भी निगरानी और सुरक्षा सख्त कर दी गई थी।

इसी दबाव और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग ने क्षेत्र में सक्रिय कार्रवाई तेज कर दी थी, जिसका नतीजा आज पिंजरे में कैद गुलदार के रूप में सामने आया है।


गांवों में अब भी सतर्कता जरूरी: Pauri में खतरा पूरी तरह टला नहीं

हालांकि गुलदार के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है, लेकिन खतरा पूरी तरह खत्म नहीं माना जा सकता।

स्थानीय लोगों का कहना है:

“संभावना है कि क्षेत्र में एक से अधिक गुलदार सक्रिय हों। जब तक पूरे इलाके को सुरक्षित घोषित नहीं किया जाता, तब तक डर बना हुआ है।”

वन विभाग भी इस बात को मानता है कि पकड़ा गया गुलदार ही हमलों का जिम्मेदार था या नहीं, यह पूरी जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।


बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था

वन विभाग ने ग्रामीणों को विशेष निर्देश दिए हैं।

सुरक्षा के दिशा-निर्देश:

  • अकेले जंगल न जाएं
  • सुबह और शाम बेहद सतर्क रहें
  • बच्चों को स्कूल भेजते समय साथ भेजें
  • महिलाओं को जंगल समूह में भेजा जाए
  • किसी भी गतिविधि की तुरंत सूचना दें
  • गांव की सीमा पर लाइटिंग व्यवस्था रखें

टीम द्वारा नियमित तौर पर लाउडस्पीकर के माध्यम से भी अलर्ट सूचना दी जा रही है।


वन विभाग की प्राथमिकता: मानव जीवन सर्वोपरि

Pauri वन विभाग ने साफ किया है कि किसी भी हाल में मानव सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।

वन अधिकारी ने कहा:

“जंगल में वन्यजीवों की रक्षा जरूरी है, लेकिन मानव जीवन सर्वोच्च प्राथमिकता है। जहां भी खतरा होगा, वहां तुरंत कार्रवाई होगी।”


क्षेत्र में बढ़ी गश्त, कैमरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी

वन विभाग ने योजना बनाई है कि आने वाले दिनों में:

  • अतिरिक्त ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे
  • जंगल की सीमाओं पर गश्त बढ़ाई जाएगी
  • ड्रोन सर्विलांस की भी संभावना तलाशी जाएगी
  • ग्रामीणों को डिजिटल अलर्ट सिस्टम से जोड़ा जाएगा

निष्कर्ष

Pauri जिले में गुलदार का पकड़ा जाना निश्चित रूप से एक राहत की खबर है, लेकिन प्रशासन और ग्रामीण दोनों को अभी भी पूरी तरह सतर्क रहने की जरूरत है। जब तक यह पुष्टि नहीं हो जाती कि यही गुलदार हमलों का जिम्मेदार था, तब तक क्षेत्र को पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना जा सकता।

वन विभाग की सक्रियता और ग्रामीणों की जागरूकता ही इस संकट का स्थायी समाधान हो सकती है।


FAQs

Q1. गुलदार कहाँ पकड़ा गया?

कोटी गांव, पौड़ी के पास लगाए गए पिंजरे में।

Q2. गुलदार को कहाँ ले जाया गया है?

नागदेव रेंज, पौड़ी में मेडिकल जांच के लिए।

Q3. क्या गुलदार आदमखोर घोषित था?

जी हां, महिला की मौत के बाद शूट करने के आदेश जारी हो चुके थे।

Q4. क्या खतरा खत्म हो गया?

नहीं, क्योंकि एक से अधिक गुलदार की आशंका है।

Q5. वन विभाग आगे क्या करेगा?

टेस्ट रिपोर्ट और अधिकारियों के आदेश के बाद निर्णय लिया जाएगा।


डिस्क्लेमर

यह समाचार स्थानीय सूत्रों और वन विभाग से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। स्थिति में बदलाव संभव है। पाठकों से अनुरोध है कि आधिकारिक सूचना का पालन करें।


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