हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ Mansa Devi Mandir में रविवार, 27 जुलाई की सुबह भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई। यह हादसा सुबह करीब 8:50 बजे हुआ जब मंदिर के मुख्य सीढ़ी मार्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ अचानक बेकाबू हो गई। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत खबर सामने आ चुकी है जबकि 6 लोगो की पहचान हो चुकी है, जबकि कई दर्जन लोग घायल हो गए हैं।
🔥 हादसे का कारण बना करंट लगने की अफवाह
हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने जानकारी दी कि भगदड़ की शुरुआत मंदिर मार्ग पर करंट फैलने की अफवाह से हुई, जिससे श्रद्धालु घबरा गए और एक-दूसरे को कुचलते हुए दौड़ पड़े। सुबह 9 बजे कंट्रोल रूम को भगदड़ की सूचना मिली, जिसके बाद SDRF और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया।
🙏 मंदिर मार्ग कुछ समय के लिए बंद, जांच जारी
घटना के बाद प्रशासन ने Mansa Devi Mandir के पैदल मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। गढ़वाल कमिश्नर रविशंकर पांडे ने हादसे में 8 लोगों की मौत की पुष्टि की है। घायलों को हरिद्वार जिला अस्पताल और गंभीर रूप से घायल 5 लोगों को AIIMS ऋषिकेश रेफर किया गया है।
🕊 मृतकों की पहचान
हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं की सूची इस प्रकार है:
आरुष (12), बरेली, उत्तर प्रदेश
विशाल (19), रामपुर, उत्तर प्रदेश
विक्की (18), रामपुर, उत्तर प्रदेश
विपिन सैनी (18), काशीपुर, उत्तराखंड
वकील, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश
शांति देवी, बदायूं, उत्तर प्रदेश
हरिद्वार के Mansa Devi Mandir में रविवार को भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की मौत, 20 से अधिक घायल। अफवाह से मचा हड़कंप, सीएम धामी ने जताया दुख।#MANSADEVIpic.twitter.com/8Bhp85TxSX
इस भगदड़ में घायल हुए 23 लोगों का इलाज जिला अस्पताल हरिद्वार में चल रहा है जबकि 5 को AIIMS ऋषिकेश भेजा गया है। घायलों में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं।
कुछ प्रमुख घायलों की सूची:
दुर्गा देवी (60), दिल्ली
कृति (6), मोतीहारी, बिहार
अजय (19), मुरादाबाद
विकास (22), बरेली
संदीप (25), मुरादाबाद
🧭 प्रशासन की कार्रवाई और जांच
घटना के बाद हरिद्वार डीएम मयूर दीक्षित, एसएसपी और अन्य अधिकारी अस्पताल पहुंचे और घायलों का हाल जाना। प्रशासन ने SDRF, NDRF और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्य पूरा कर लिया है। फिलहाल हादसे के कारणों की जांच जारी है और मंदिर मार्ग को नियंत्रित रूप से खोले जाने पर विचार किया जा रहा है।
🗣 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्रीपुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा:
“हरिद्वार स्थित Mansa Devi Mandir मार्ग पर भगदड़ की घटना अत्यंत दुःखद है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रशासन और बचाव दल पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर बनाए हुए हूं।”
हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। @uksdrf, स्थानीय पुलिस तथा अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।
इस संबंध में निरंतर स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही…
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि भीड़ प्रबंधन धार्मिक स्थलों पर कितना जरूरी है, खासकर वीकेंड, पर्व और मेलों के दौरान। प्रशासन को चाहिए कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का सही आंकलन कर समयबद्ध और चरणबद्ध दर्शन की व्यवस्था की जाए।
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❓ Frequently Asked Questions (FAQ)
❓ Mansa Devi Mandir में भगदड़ क्यों मची?
👉 मंदिर में अधिक भीड़ और करंट लगने की अफवाह के कारण श्रद्धालु घबरा गए, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई।
❓ Mansa Devi Mandir हादसे में कितने लोगों की मौत हुई?
👉 अब तक 6 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि की गई है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
❓ घायलों को कहां भर्ती कराया गया है?
👉 23 घायलों का इलाज हरिद्वार जिला अस्पताल में हो रहा है, जबकि गंभीर रूप से घायल 5 श्रद्धालुओं को AIIMS ऋषिकेश भेजा गया है।
❓ क्या Mansa Devi Mandir फिलहाल दर्शन के लिए खुला है?
👉 हादसे के बाद मंदिर के मुख्य पैदल मार्ग को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है। स्थिति सामान्य होने के बाद ही दोबारा खोला जाएगा।
❓ क्या हादसे की जांच हो रही है?
👉 हां, जिलाधिकारी, पुलिस प्रशासन और SDRF टीम द्वारा हादसे के सभी कारणों की जांच की जा रही है। सीएम धामी भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
❓ Mansa Devi Mandir में भीड़ नियंत्रण के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?
👉 प्रशासन द्वारा मंदिर में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए SDRF, NDRF, और लोकल पुलिस को तैनात किया गया है। दर्शन के लिए चरणबद्ध व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है।
❓ क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है?
👉 हां, यदि प्रशासन पर्याप्त भीड़ नियंत्रण उपाय, सूचना तंत्र और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करे तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है।