Lucc Scam : उत्तराखंड में 500 करोड़ की कथित ठगी पर CBI की बड़ी कार्रवाई, 46 नामजद
देहरादून। उत्तराखंड में सामने आए बहुचर्चित Lucc Scam ने सरकारी एजेंसियों से लेकर आम निवेशकों तक को हिला कर रख दिया है। लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी (LUCC) पर करीब 500 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सीबीआई ने देहरादून शाखा के जरिए इस मामले में 46 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। यह कार्रवाई कोटद्वार थाने में दर्ज मूल मामले को आधार बनाकर की गई है और राज्य के अलग-अलग जिलों में दर्ज 18 प्राथमिकी को एक साथ जोड़ दिया गया है।
यह मामला केवल एक वित्तीय घोटाला नहीं, बल्कि विश्वास के साथ बड़ा खिलवाड़ माना जा रहा है। जिन घरों का चूल्हा निवेश के भरोसे टिका था, वहां आज अनिश्चितता है।

क्या है Lucc Scam और यह कैसे फूटा?
LUCC ने साल 2019 से उत्तराखंड में अपनी गतिविधियां तेज कीं। एफडी, आरडी और अन्य निवेश योजनाओं के नाम पर लोगों से पैसा जुटाया गया। दावा किया गया कि रकम विदेशों में सोना, तेल, रिफाइनरी जैसे सेक्टर में लगेगी और कम समय में दोगुना मुनाफा मिलेगा। धीरे-धीरे नेटवर्क बढ़ता गया, एजेंट जोड़े गए और भरोसे का दायरा बनाया गया।
साल 2024 आते-आते तस्वीर बदल गई। अचानक कार्यालय बंद, संपर्क टूटे और रिटर्न आना बंद हो गया। एक-एक करके शिकायतें सामने आईं और 1 जून 2024 को कोटद्वार में तृप्ति नेगी की शिकायत से पहली एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, चमोली, टिहरी, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, बागेश्वर और नैनीताल में कुल 18 मामले दर्ज हो गए।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप और CBI का आदेश
जनता का दबाव बढ़ा तो मामला कोर्ट पहुंचा। ऋषिकेश निवासी आशुतोष और अपर तुनवाला के विशाल छेत्री ने अलग-अलग जनहित याचिकाएं दाखिल कीं। याचिकाओं में आरोप था कि LUCC अवैध रूप से संचालित हो रही थी और जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया।
हाईकोर्ट ने 17 सितंबर 2025 को महत्वपूर्ण आदेश देते हुए CBI को उत्तराखंड से जुड़े सभी मामलों की जांच सौंप दी। इसके बाद देहरादून स्थित CBI शाखा ने कोटद्वार की एफआईआर को मूल आधार बनाकर समेकित मामला पंजीकृत किया।
46 आरोपी, दो फिल्म अभिनेता भी शामिल
CBI ने जिन 46 लोगों को नामजद किया है, उनमें सोसायटी के पदाधिकारी, एजेंट और दो फिल्म अभिनेता भी शामिल हैं, जिन्हें LUCC का ब्रांड एंबेसडर बताया गया है। पीड़ितों का कहना है कि ब्रांड एंबेसडर होने से पूरे अभियान को सरकारी-सा भरोसा मिला, और उन्होंने बड़े पैमाने पर निवेश किया।
जांच के दौरान सीबीसीआईडी की एक टीम एक अभिनेता के घर भी पहुंची थी। खबरों के मुताबिक, गिरफ्तारी से पहले अभिनेता ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे लिया। उधर, मुख्य आरोपी समीर अग्रवाल के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस और लुक आउट सर्कुलर जारी है, क्योंकि उसके विदेश भागने की जानकारी सामने आई है।
35 शाखाएं, हजारों निवेशक, करोड़ों का सवाल
LUCC ने उत्तराखंड में 35 शाखाएं खोली थीं। छोटे कस्बों से लेकर जिला मुख्यालयों तक दफ्तर खुले और एजेंटों का जाल बिछाया गया। जिन लोगों का पैसा फंसा, उनमें सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की बताई जा रही है। गृहणियां, दिहाड़ी मजदूर और मध्यम आय वर्ग के लोग आसान मुनाफे के सपने में जुड़े और अब वही वर्ग सबसे अधिक पीड़ित है।
कई निवेशकों की परिपक्व एफडी और आरडी की अवधि पूरी हो चुकी थी, फिर भी रकम नहीं मिली। यही वह बिंदु था, जहां भरोसा टूटकर शिकायतों में बदला।

राजनीतिक हलचल और दिल्ली तक आवाज
मामले की गंभीरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि राज्य के चार सांसदों ने केंद्रीय स्तर पर हस्तक्षेप की मांग की। सांसद अनिल बलूनी, त्रिवेंद्र सिंह रावत, अजय भट्ट और माला राज्यलक्ष्मी शाह ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया था। इसके बाद CBI जांच को लेकर केंद्र से भी सहमति बनी।
CBI जांच में आगे क्या?
CBI की जांच तीन स्तरों पर आगे बढ़ने की संभावना है:
- पैसे की ट्रेल: किस खाते से कहां पैसा गया, किस कंपनी में लगाया गया या निकाला गया।
- भूमिकाएं तय होना: पदाधिकारियों, एजेंटों और ब्रांड एंबेसडर की भूमिका स्पष्ट करना।
- अपराध की साजिश: क्या यह संगठित गिरोह था, कब से योजना बनी और कैसे विस्तार हुआ।
पीड़ित उम्मीद कर रहे हैं कि संपत्तियों की कुर्की और बैंक खातों की फ्रीजिंग जैसे कदम उठाए जाएंगे ताकि पैसा वापस मिल सके।
निवेशकों के लिए चेतावनी: दो मिनट की चेकलिस्ट
Lucc Scam ने एक सबक दिया है। निवेश से पहले यह जरूर जांचें:
- संस्था किस कानून के तहत रजिस्टर्ड है?
- रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसायटी या RBI में दर्ज है या नहीं?
- वादा किया जा रहा रिटर्न वास्तविक बाजार दरों से मेल खाता है या नहीं?
- ब्रांड एंबेसडर केवल प्रचार चेहरा है या कानूनी जिम्मेदारी भी?
- लिखित अनुबंध, पावती और स्टेटमेंट सुरक्षित हैं या नहीं?

पीड़ित क्या करें?
यदि आपने LUCC में निवेश किया है, तो:
- अपना पूरा दस्तावेजी रिकॉर्ड जमा रखें।
- स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराएं (यदि पहले नहीं की हो)।
- CBI द्वारा मांगे गए विवरण तुरंत उपलब्ध कराएं।
- जिला प्रशासन या लीगल एड से संपर्क कर सामूहिक याचिका का विकल्प देखें।
निष्कर्ष
Lucc Scam सिर्फ एक नाम नहीं, यह ऐसे सिस्टम चुनौती है जिसमें भरोसे के नाम पर ठगी की गई। CBI की एंट्री से उम्मीद जगी है कि दोषी बच नहीं पाएंगे और पीड़ितों को न्याय मिलेगा। लेकिन यह भी सच है कि न्याय की प्रक्रिया लंबी होती है। तब तक जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
अगर आपने या आपके जानने वाले ने LUCC में पैसा लगाया है, तो देर न करें। शिकायत करें, दस्तावेज जुटाएं और कानूनी रास्ता अपनाएं। सच के साथ रहें, क्योंकि अंत में वही जीतता है।
FAQ
प्रश्न 1: Lucc Scam क्या है?
उत्तर: LUCC द्वारा निवेश योजनाओं के नाम पर कथित तौर पर करीब 500 करोड़ रुपये की ठगी का मामला।
प्रश्न 2: जांच कौन कर रहा है?
उत्तर: मामले की समेकित जांच सीबीआई कर रही है।
प्रश्न 3: कितने आरोपी हैं?
उत्तर: अब तक 46 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, जिनमें दो फिल्म अभिनेता भी शामिल हैं।
प्रश्न 4: पीड़ित कैसे मदद लें?
उत्तर: स्थानीय थाने में शिकायत, CBI को विवरण और जिला लीगल सर्विसेज से संपर्क करें।
प्रश्न 5: पैसा वापस मिलेगा?
उत्तर: जांच के बाद संपत्ति जब्ती और कानूनी प्रक्रिया के जरिए रिकवरी संभव है, लेकिन समय लग सकता है।



