
Haridwar : पूर्व भाजपा नेत्री और प्रेमी पुलिस रिमांड पर, SIT जांच तेज़
हरिद्वार। उत्तराखंड के Haridwar जिले से एक ऐसा शर्मनाक मामला सामने आया था , जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था। भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष और उसके प्रेमी सुमित पटवाल को नाबालिग बेटी के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था । कोर्ट ने दोनों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देश पर गठित एसआईटी इस मामले की निगरानी कर रही है। एसपी सिटी पंकज गैरोला के नेतृत्व में टीम अब आरोपियों को मथुरा और आगरा ले जाकर जांच को और गहरा करेगी। टीम होटल के रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन जैसे डिजिटल सबूत जुटाने में लगी है, ताकि आरोपियों के खिलाफ मजबूत चार्जशीट तैयार की जा सके।
🔴 पूरा प्रदेश हिला : बेटी की आपबीती सुन दंग रह गया पिता
यह मामला Haridwar के रानीपुर थाना क्षेत्र का है। पीड़िता की मां – जो कि भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष रह चुकी हैं – का अपने पति से विवाद चल रहा था। 13 वर्षीय बेटी अपने पिता के साथ रह रही थी।
कुछ समय से बेटी के व्यवहार में आए बदलाव ने पिता को परेशान कर दिया था । जब उसने बेटी से बात की, तो चौंकाने वाला सच सामने आया। बेटी ने बताया कि उसकी मां ने अपने बॉयफ्रेंड सुमित पटवाल और अन्य व्यक्तियों से उसका यौन शोषण करवाया।

🚨 होटल से हुई गिरफ्तारी, वृंदावन तक की गई थी यात्रा
हरिद्वार पुलिस ने कार्रवाई करते हुए महिला नेता को Haridwar के शिवमूर्ति चौक स्थित होटल से गिरफ्तार किया था । यह होटल सुमित पटवाल ने लीज पर लिया हुआ था, और आरोपी महिला भी वहीं रह रही थी।
पीड़िता ने बताया कि उसकी मां उसे कई बार ‘घूमने’ के बहाने सुमित के साथ वृंदावन और अन्य शहरों में ले गई थी। वहां भी उसे शारीरिक शोषण का शिकार बनाया गया।
🛑 आरोप गंभीर, अन्य आरोपितों की पहचान जारी
पुलिस ने आरोपी सुमित पटवाल को भी हिरासत में लिया, जो कि सुमननगर, रानीपुर (Haridwar) का रहने वाला है। अन्य संलिप्त लोगों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।
जांच टीम को उम्मीद है कि जल्द ही सभी तकनीकी और दस्तावेजी सबूत जुटाकर आरोपियों के खिलाफ ठोस चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जाएगी।
🎯 पुलिस की प्राथमिकता: पीड़िता को न्याय और आरोपियों को सज़ा
हरिद्वार पुलिस इस पूरे मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है। अधिकारियों का कहना है कि पीड़िता की सुरक्षा और मानसिक स्थिति का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। जांच में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जा रही है।