Kumbh 2027: हरिद्वार अर्धकुंभ अब ‘पूर्ण कुंभ’ की तर्ज पर, स्नान तिथियां घोषित, 4 अमृत स्नान शामिल
हरिद्वार –Kumbh 2027 को लेकर उत्तराखंड के हरिद्वार में ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। पहली बार हरिद्वार अर्ध कुंभ मेले का आयोजन पूर्ण कुंभ की तर्ज पर किया जाएगा। यह निर्णय सदियों पुरानी परंपराओं में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। साधु-संतों और अखाड़ा परिषद की सर्वसम्मति से यह तय किया गया है कि इस बार अर्ध कुंभ नहीं, बल्कि कुंभ मेला जैसे आयोजन होंगे, जिसमें शाही स्नान के स्थान पर अब ‘अमृत स्नान’ होंगे।
हरिद्वार में अर्धकुंभ नहीं, होगा कुंभ जैसा आयोजन: संतों और सरकार में सहमति
हरिद्वार में कुंभ मेला 2027 को लेकर एक अहम बैठक डामकोठी में हुई, जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अखाड़ों के वरिष्ठ साधु-संत मौजूद रहे। इस बैठक में सभी 13 अखाड़ों के दो-दो सचिवों को आमंत्रित किया गया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक के बाद स्पष्ट किया कि सरकार संत समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है और Kumbh 2027 को भव्य और दिव्य बनाने के लिए किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ी जाएगी।
“कुंभ में अखाड़ों की अहम भूमिका होती है। संतों का आशीर्वाद और सहयोग मिला है। सरकार उनकी मांगों के अनुसार सभी व्यवस्थाएं करेगी।” — पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
हरिद्वार में कुंभ मेला 2027 के सफल आयोजन हेतु पूज्य साधु-संतों के साथ अखाड़ों की बैठक में सभी महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की। कुंभ मेला 2027 का पहला शाही स्नान मकर संक्रांति 14 जनवरी 2027 को होगा। दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या 6 फरवरी, बसंत पंचमी 11 फरवरी, माघ पूर्णिमा… pic.twitter.com/lWTHGegGBX
बैठक में मौजूद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि इस बार सरकार अर्ध कुंभ को पूर्ण कुंभ के रूप में ही आयोजित कर रही है और सभी 13 अखाड़ों की सहमति इस पर है।
“सरकार पहली बार अर्ध कुंभ को कुंभ की तरह आयोजित कर रही है। सभी संत साथ हैं।” — महंत रविंद्रपुरी महाराज
वहीं, निरंजनी अखाड़े के सचिव ने भी स्पष्ट किया कि हरिद्वार कुंभ को लेकर किसी भी प्रकार का मतभेद संतों के बीच नहीं है।
“आज विधिवत कुंभ की घोषणा हुई है। कोई विरोध नहीं, सब सरकार के साथ हैं।” — सचिव, निरंजनी अखाड़ा
अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक हरी गिरि महाराज ने बताया कि सभी स्नान पर्व प्राचीन पंचांग और ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार ही किए जाएंगे।
हरिद्वार कुंभ 2027 को लेकर हुआ ऐतिहासिक एलान , अर्धकुंभ बना पूर्ण कुंभ, तिथियाँ भी हुई घोषित... 6हरिद्वार कुंभ 2027 को लेकर हुआ ऐतिहासिक एलान , अर्धकुंभ बना पूर्ण कुंभ, तिथियाँ भी हुई घोषित... 7
Kumbh 2027 की स्नान तिथियां घोषित: 4 अमृत स्नान होंगे खास आकर्षण
हरिद्वार कुंभ 2027 को लेकर हुआ ऐतिहासिक एलान , अर्धकुंभ बना पूर्ण कुंभ, तिथियाँ भी हुई घोषित... 8
बैठक में कुल 10 स्नान पर्वों की आधिकारिक घोषणा की गई है, जिनमें 4 अमृत स्नान होंगे। जनवरी से अप्रैल तक चलने वाला यह कुंभ मेला श्रद्धालुओं के लिए अभूतपूर्व रहेगा।
प्रमुख स्नान पर्व – Kumbh 2027
14 जनवरी 2027 – मकर संक्रांति
6 फरवरी 2027 – मौनी अमावस्या
11 फरवरी 2027 – बसंत पंचमी
20 फरवरी 2027 – माघ पूर्णिमा
अमृत स्नान तिथियां (विशेष अवसर)
6 मार्च 2027 – महाशिवरात्रि (पहला अमृत स्नान)
8 मार्च 2027 – फाल्गुन अमावस्या (दूसरा अमृत स्नान)
Kumbh 2027 में एक और बड़ा बदलाव यह है कि अब “शाही स्नान” शब्द की जगह “अमृत स्नान” का प्रयोग किया जाएगा। संतों का कहना है कि अमृत शब्द कुंभ की आध्यात्मिकता और दिव्यता को बेहतर तरीके से अभिव्यक्त करता है।
आह्वान अखाड़ा बैठक में शामिल नहीं
हालांकि, इस अहम बैठक में आह्वान अखाड़े के सचिव शामिल नहीं हो पाए। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने जानकारी दी कि उनके महंत हरिद्वार से बाहर थे, इसलिए वे कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रह सके। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आह्वान अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ अमृत स्नान करता है और उनका समर्थन भी प्रस्ताव को प्राप्त है।
प्रशासन की तैयारियां तेज, श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम
Kumbh 2027 को लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पानी, बिजली, सफाई, स्वास्थ्य, पुलिस और सुरक्षा के मोर्चे पर विशेष प्लान बनाया जा रहा है।
प्रमुख तैयारियां:
गंगाघाटों का पुनर्विकास
स्वच्छता अभियान
CCTV निगरानी
घाटों पर मेडिकल कैंप
ट्रैफिक प्लान
डिजिटल दर्शन और सुविधा केंद्र
हरिद्वार बना आध्यात्मिक राजधानी
हरिद्वार पहले से ही भारत की आध्यात्मिक राजधानी माना जाता है। Ganga Aarti, हर की पौड़ी और आसपास के तीर्थ स्थल इसे विशेष बनाते हैं। 2027 का कुंभ इस शहर की पहचान को और मजबूत करेगा।
Kumbh 2027: आस्था, संस्कृति और पर्यटन का महासंगम
Kumbh 2027 केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन का भी विशाल मंच होगा। देश-दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचेंगे, जिससे स्थानीय व्यापार और रोजगार को भी बड़ी बढ़ावा मिलेगा।
FAQs – Kumbh 2027
प्रश्न 1: Kumbh 2027 कहां आयोजित होगा?
उत्तर: हरिद्वार, उत्तराखंड में।
प्रश्न 2: Kumbh 2027 में कितने अमृत स्नान होंगे?
उत्तर: कुल चार अमृत स्नान होंगे।
प्रश्न 3: क्या अर्ध कुंभ होगा?
उत्तर: नहीं, इस बार अर्ध कुंभ को पूर्ण कुंभ की तर्ज पर आयोजित किया जाएगा।
प्रश्न 4: Kumbh 2027 कब से शुरू होगा?
उत्तर: जनवरी 2027 से अप्रैल 2027 तक।
प्रश्न 5: ‘शाही स्नान’ का नाम क्यों बदला?
उत्तर: अब इसे ‘अमृत स्नान’ कहा जाएगा, जो आध्यात्मिकता को दर्शाता है।
निष्कर्ष
Kumbh 2027 हरिद्वार इतिहास का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बनने जा रहा है। परंपरा और आधुनिक व्यवस्था का संगम इस कुंभ को विशेष बनाएगा। सरकार और संत समाज की एकजुटता से यह आयोजन देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में भारत की आध्यात्मिक विरासत को और मजबूत करेगा।