
Ramnath Singh की लखनऊ में 18 साल से तैनाती और ठेकेदारों से सांठगांठ का आरोप
उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) के मुख्य अभियंता Ramnath Singh एक बार फिर सुर्खियों में हैं। राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह द्वारा लगाए गए गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल प्रभाव से जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री ने 1 मई को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर यह मामला उठाया और कहा कि Ramnath Singh ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वर्षों से विभागीय कार्यों में अनियमितताएं की हैं।
भ्रष्टाचार की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं
मुख्यमंत्री को पहले से ही Ramnath Singh के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं। आरोप है कि उन्होंने पिछले 18 वर्षों से लखनऊ में लगातार अपनी पोस्टिंग बनाए रखी और अपने करीबी ठेकेदारों को मनचाहे टेंडर दिलवाकर मोटा कमीशन वसूला। इसके अलावा, ठेकेदारों के रजिस्ट्रेशन में फर्जी प्रमाण पत्र लगवाकर अवैध कमाई करने का भी आरोप है।

निर्माण कार्यों के नाम पर अवैध वसूली का आरोप
मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह का आरोप है कि Ramnath Singh निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांच के नाम पर भी अवैध वसूली करते थे। साथ ही, उन्होंने अपने करीबी कर्मचारियों को दो-दो पदों का लाभ दिलाने में भी नियमों की अनदेखी की। यह स्पष्ट रूप से विभागीय भ्रष्टाचार और शक्ति के दुरुपयोग का मामला है।
सीएम योगी ने जांच के दिए स्पष्ट निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि Ramnath Singh के खिलाफ सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाए और रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपी जाए। मुख्यमंत्री का यह कदम राज्य में प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत संकेत माना जा रहा है।
सरकार की प्राथमिकता: पारदर्शिता और जनहित
उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि सरकारी योजनाओं और कार्यों में ईमानदारी व पारदर्शिता लाई जाए। ऐसे में Ramnath Singh के खिलाफ उठाया गया यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाता है।
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