Chamoli के वीर सपूत बीरेंद्र सिंह का हादसे में निधन
उत्तराखंड की वीरभूमि chamoli से दुखद समाचार सामने आया है। गढ़वाल राइफल्स में तैनात जवान बीरेंद्र सिंह का एक दर्दनाक हादसे में निधन हो गया है। वे चमोली जिले के देवाल ब्लॉक स्थित चौड़ गांव के रहने वाले थे। उनके असामयिक निधन से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजनों के साथ-साथ पूरा क्षेत्र सदमे में है।
🗨️ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जवान बीरेंद्र सिंह के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया। उन्होंने शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की। सीएम ने कहा,
“उत्तराखंड ने एक और वीर सपूत खोया है। हम उनके बलिदान को सदा याद रखेंगे। राज्य सरकार सदैव सैनिकों और उनके परिजनों के साथ खड़ी है।”
चमोली जिले के देवाल विकासखंड के चौड़ गांव निवासी और गढ़वाल राइफल्स में तैनात श्री वीरेंद्र सिंह जी का दुर्घटना में असामयिक निधन का समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं शोक संतप्त परिजनों को यह असीम दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। pic.twitter.com/QCrY5vavCd
कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री धामी ने भारतीय सेना की वीरता को नमन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की मिट्टी में देशभक्ति और बलिदान की परंपरा सदियों से रही है।
“Chamoli सहित पूरे उत्तराखंड से कारगिल युद्ध में 75 जवान शहीद हुए। यह राज्य वीरों की भूमि है, और हमें इस पर गर्व है।”
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर जारी संदेश में भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए कहा कि देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों के बलिदान को देश सदैव याद रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में बड़ी…
छोटा राज्य होने के बावजूद उत्तराखंड देश की रक्षा में हर बार आगे रहा है। चमोली जैसे जिलों ने ऐसे अनेक वीर सपूत दिए हैं, जिन्होंने मातृभूमि की सेवा में अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।
सीएम ने कहा,
“भारतीय सेना का शौर्य पूरी दुनिया मानती है। हमें अपने जवानों की वीरता पर गर्व है।”
⚔️ याद करें कारगिल के शहीदों को
1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को मात देने में उत्तराखंड के 75 जवान शहीद हुए थे। हर वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है, जिसमें शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है और उनके परिवारों को सम्मानित किया जाता है।