
Bhagwan Kartikeya की यात्रा ने भक्तों को किया भाव-विभोर
चमोली, उत्तराखंड — Bhagwan Kartikeya की पहली बार आयोजित ऐतिहासिक बदरीनाथ यात्रा ने धार्मिक श्रद्धा और आस्था का अद्वितीय संगम रच दिया है। यह यात्रा क्रौंच पर्वत तीर्थ से आरंभ होकर चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक स्थित सतूड़ गांव में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची, जहां श्रद्धालुओं और ग्रामीणों ने पुष्प अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया।
Bhagwan Kartikeya की यात्रा में उमड़ा भक्तों का सैलाब
इस भक्ति और परंपरा के अद्वितीय मिलन में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। जहां-जहां Bhagwan Kartikeya की डोली पहुंच रही है, वहां का वातावरण भक्ति और उत्साह से सराबोर हो रहा है। विशेष रूप से कनकचौंरी, मोहनखाल और पोखरी जैसे हिल स्टेशनों में भगवान कार्तिक स्वामी का स्वागत पारंपरिक गीतों और फूलों की वर्षा से किया गया।
यात्रा का समापन चार जून को क्रौंच पर्वत तीर्थ पर
इस आठ दिवसीय धार्मिक यात्रा का समापन चार जून को क्रौंच पर्वत तीर्थ पर होगा। दो जून को डोली मोक्ष धाम बदरीनाथ पहुंचेगी, जहां विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। बुधवार को यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व विद्वान आचार्य वासुदेव प्रसाद थपलियाल और सुधीर नौटियाल ने 33 कोटि देवी-देवताओं का आह्वान कर Bhagwan Kartikeya के प्रतीक चिन्हों की विशेष श्रृंगार आरती की।
कार्तिकेय मंदिर समिति और श्रद्धालुओं में उत्साह
कार्तिकेय मंदिर समिति के अध्यक्ष बिक्रम सिंह नेगी ने बताया कि इस ऐतिहासिक यात्रा को लेकर भक्तों में अभूतपूर्व उत्साह है। प्रबंधक पूर्ण सिंह नेगी ने भी बताया कि क्षेत्र का वातावरण पूरी तरह भक्ति में डूबा है और प्रत्येक गांव में Bhagwan Kartikeya की भव्य आरती और स्वागत की तैयारियां चल रही हैं।
Skanda रूप में अवतरित हुए Bhagwan Kartikeya
इस यात्रा के विशेष महत्व की बात यह है कि भगवान कार्तिक स्वामी नर रूप में अवतरित होकर अपने भक्तों को बदरीनाथ यात्रा के निर्विघ्न संपन्न होने का आशीर्वाद दे रहे हैं। पुजारी नंदू पुरी द्वारा स्कंद नगरी में आरती कर यात्रा का स्वागत किया गया, जो इस धार्मिक महोत्सव का अहम हिस्सा बना।