Uttarakhand Airport Expansion : देहरादून में रजत जयंती समारोह में मिली बड़ी सौगात
उत्तराखंड के गठन के 25 साल पूरे होने पर देहरादून में आयोजित रजत जयंती कार्यक्रम में प्रदेश को हवाई कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अहम उपहार मिला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और उत्तराखंड सरकार के बीच पिथौरागढ़ के नैनी सैनी हवाई अड्डे के अधिग्रहण और विस्तार को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए.
सरकार का कहना है कि यह कदम हवाई कनेक्टिविटी योजना को मजबूत करेगा और पहाड़ी इलाकों में सुरक्षित व टिकाऊ हवाई संपर्क को तेजी देगा.
Uttarakhand Airport Expansion योजना से नैनी सैनी एयरपोर्ट में क्या बदलेगा ?
नैनी सैनी हवाई अड्डा फिलहाल करीब 70 एकड़ में फैला है और यहां व्यस्त समय में 40 यात्रियों तक की क्षमता है. अभी सिर्फ दो विमान एक समय पर यहां समायोजित हो पाते हैं. अधिग्रहण के बाद रनवे और अन्य बुनियादी ढांचे का विस्तार होगा. इससे उड़ानों की संख्या और आकार दोनों में बढ़ोतरी होगी.
निर्माण पूरा होने पर यह एयरपोर्ट क्षेत्रीय कनेक्टिविटी का बड़ा केंद्र बन सकता है. खासकर पिथौरागढ़ और आसपास के पर्वतीय जिलों के लिए ये विकास जीवन बदलने वाला साबित हो सकता है.

पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
उत्तराखंड सरकार का यह मानना है कि हवाई कनेक्टिविटी योजना से स्थानीय कला, संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. बेहतर हवाई सुविधा से तीर्थ, एडवेंचर टूरिज्म और व्यापार को नई रफ्तार मिलेगी.
इसके साथ ही युवा वर्ग के लिए रोजगार और उद्यम के अवसर बढ़ेंगे. होटल व्यवसाय, परिवहन, गाइड सेवाएं और स्थानीय उत्पादों की मांग भी बढ़ सकती है.
आपदा प्रबंधन और सामरिक महत्व
उत्तराखंड की पर्वतीय भौगोलिक स्थिति को देखते हुए हेलीकॉप्टर और हवाई कनेक्टिविटी बेहद जरूरी है. सरकार पहले से ही हेली सेवाओं को मजबूत कर रही है. इसका मकसद आपदा के समय राहत कार्यों को तेज करना और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमाई इलाकों तक पहुंच को और सक्षम बनाना है.
इसी सिलसिले में पिथौरागढ़ एयरपोर्ट को AAI के तहत संचालित किया जाएगा और यहां विस्तार कार्य पर करोड़ों रुपये खर्च होंगे.
पीएम मोदी की ओर से अन्य सौगातें
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इसके साथ ही उन्होंने 28 हजार से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 62 करोड़ रुपये की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की.
निचोड़
उत्तराखंड सरकार व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच एमओयू साइन होने से प्रदेश में आधुनिक हवाई कनेक्टिविटी का नया दौर शुरू होगा. यह सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति की दिशा में बड़ा कदम है. पहाड़ों में रहने वाले लोगों के लिए ये विकास नए अवसर और बेहतर भविष्य की राह खोलेगा.
Uttarakhand Airport Expansion योजना क्या है?
Uttarakhand Airport Expansion योजना उत्तराखंड के हवाई अड्डों को आधुनिक बनाने और उन्हें बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए शुरू की गई पहल है. इसके तहत पिथौरागढ़ के नैनी सैनी एयरपोर्ट को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधीन लिया जा रहा है और इसका विस्तार किया जाएगा. इसका उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों को देश के बड़े शहरों से जोड़ना है.
नैनी सैनी एयरपोर्ट विस्तार से क्या लाभ होंगे?
इस विस्तार से उड़ानों की संख्या बढ़ेगी, बड़े विमान भी यहां उतर सकेंगे और यात्रियों की सुविधा में काफी सुधार होगा. इससे पर्यटन, व्यापार, स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार में बड़ी वृद्धि की उम्मीद है. साथ ही यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा जिससे स्थानीय लोगों की आवाजाही आसान होगी.
यह प्रोजेक्ट आपदा प्रबंधन में कैसे मदद करेगा?
उत्तराखंड संवेदनशील पर्वतीय राज्य है जहां प्राकृतिक आपदाओं का खतरा रहता है. Uttarakhand Airport Expansion से हवाई सेवाएं बेहतर होने से राहत और बचाव कार्य तेजी से हो सकेंगे. साथ ही सीमाई इलाकों तक पहुंच बेहतर होने से सामरिक दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है.
इस योजना का पर्यटन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
विस्तार होने के बाद नैनी सैनी एयरपोर्ट के जरिए पिथौरागढ़, मुनस्यारी, धारचूला, ओम पर्वत और अद्भुत हिमालयी क्षेत्रों तक पहुंच आसान होगी. इससे तीर्थ और एडवेंचर पर्यटन को नई गति मिलेगी और स्थानीय व्यवसायों में उछाल आएगा.
इससे कितने युवाओं को रोजगार मिलेगा?
सटीक संख्या अभी तय नहीं है, लेकिन एयरपोर्ट विस्तार से पर्यटन, ट्रांसपोर्ट, होटल उद्योग, गाइड सेवाएं और अन्य कारोबार बढ़ेंगे. इससे हजारों स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बनेंगे.




