✍️ CP Radhakrishnan बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति
भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में हर संवैधानिक पद का अपना अलग महत्व है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बाद उपराष्ट्रपति का पद देश की राजनीति और संसद के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्ष 2025 का उपराष्ट्रपति चुनाव इसी दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा था। इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने तमिलनाडु से आने वाले अनुभवी नेता चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) को उम्मीदवार बनाया। परिणामस्वरूप, वे भारी बहुमत से देश के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
🏛️ शपथ ग्रहण समारोह का भव्य आयोजन
राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह ऐतिहासिक रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत पूरा मंत्रिमंडल मौजूद रहा। इसके अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और विपक्षी दलों के नेता भी समारोह में शामिल हुए।
“मुझे विश्वास है कि CP Radhakrishnan अपनी सादगी, अनुभव और संवैधानिक समझ के दम पर संसदीय परंपराओं को और मजबूत करेंगे।”
🗳️ उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 – परिणाम और आंकड़े
कुल सांसद: 781
मतदान करने वाले सांसद: 767 (98.2%)
वैध मत: 752
अवैध मत: 15
बहुमत का आंकड़ा: 377
परिणाम:
CP Radhakrishnan (NDA): 452 वोट
बी. सुदर्शन रेड्डी (विपक्ष): 300 वोट
राधाकृष्णन को अपेक्षा से 14 अधिक वोट मिले। वाईएसआर कांग्रेस के 11 सांसदों ने भी उन्हें समर्थन दिया, जिससे विपक्षी खेमे में क्रॉस वोटिंग की अटकलें तेज हो गईं। वहीं, 13 सांसदों ने मतदान से दूरी बनाई, जिनमें बीजू जनता दल (BJD), भारत राष्ट्र समिति (BRS), शिरोमणि अकाली दल (SAD) और एक निर्दलीय शामिल थे।
यह नतीजा स्पष्ट करता है कि संसद में NDA की पकड़ मजबूत है और विपक्ष के भीतर मतभेद मौजूद हैं।
📖 जीवनी: CP Radhakrishnan कौन हैं?
पूरा नाम: चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन जन्म: 1957, तमिलनाडु पेशा: उद्यमी, राजनेता और समाजसेवी
राधाकृष्णन एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। बचपन से ही वे शिक्षा और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे। उन्होंने वाणिज्य और प्रबंधन की पढ़ाई की और फिर राजनीति की ओर कदम बढ़ाया।
उनकी गिनती ऐसे नेताओं में होती है जिनकी छवि साफ-सुथरी और जमीनी स्तर से जुड़ी हुई है।
🏛️ राजनीतिक करियर (Political Career of CP Radhakrishnan)
लोकसभा सांसद:
1998 और 1999 में लगातार दो बार तमिलनाडु के कोयंबटूर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में लोकसभा पहुंचे।
उस दौर में दक्षिण भारत में भाजपा का जनाधार मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रही।
भाजपा संगठन में भूमिका:
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय रहे।
भाजपा की विचारधारा और संगठनात्मक ढांचे को दक्षिण भारत में फैलाने में उन्होंने कड़ी मेहनत की।
सामाजिक कार्य:
शिक्षा, ग्रामीण विकास और युवाओं के लिए रोजगार सृजन जैसे मुद्दों पर काम किया।
समाज में उनकी छवि एक संवेदनशील और ईमानदार नेता की है।
🌐 उपराष्ट्रपति पद का महत्व और राधाकृष्णन की भूमिका
भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति भी होता है। ऐसे में उनकी जिम्मेदारी केवल संवैधानिक नहीं बल्कि संसदीय कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की भी होती है। CP Radhakrishnan जैसे अनुभवी और सरल नेता से उम्मीद की जा रही है कि वे विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच बेहतर संवाद स्थापित करेंगे।
🔎 चुनाव परिणाम का राजनीतिक विश्लेषण
NDA की मजबूती: राधाकृष्णन को अपेक्षा से अधिक वोट मिलना इस बात का संकेत है कि गठबंधन की पकड़ मजबूत है।
विपक्ष की कमजोरी: विपक्षी उम्मीदवार को अपेक्षित समर्थन नहीं मिला।
दक्षिण भारत में भाजपा की पकड़: राधाकृष्णन का चयन इस बात को दर्शाता है कि भाजपा दक्षिण भारत में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहती है।
क्रॉस वोटिंग का संदेश: विपक्षी खेमे में असंतोष और मतभेद गहरे हैं।
🎯 भविष्य की चुनौतियाँ
उपराष्ट्रपति के तौर पर CP Radhakrishnan के सामने कई चुनौतियाँ होंगी:
संसद में गरिमा बनाए रखना
विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच समन्वय स्थापित करना
संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करना
युवा सांसदों को संसदीय परंपराओं से जोड़ना
📌 निष्कर्ष
CP Radhakrishnan का उपराष्ट्रपति पद पर चुना जाना भारतीय राजनीति के लिए ऐतिहासिक है। यह केवल NDA की जीत नहीं बल्कि लोकतंत्र की उस प्रक्रिया का हिस्सा है जो हर पांच साल में नए आयाम गढ़ती है। राधाकृष्णन की सादगी, अनुभव और सामाजिक दृष्टिकोण से उम्मीद की जा रही है कि वे आने वाले वर्षों में संसद को मजबूत करेंगे और भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।
✅ FAQ
प्रश्न 1: CP Radhakrishnan कौन हैं? उत्तर: वे एक वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व सांसद और समाजसेवी हैं। वे 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए थे और दक्षिण भारत में भाजपा का आधार मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
प्रश्न 2: उन्हें कितने वोट मिले? उत्तर: 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में CP Radhakrishnan को 452 वोट मिले जबकि विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए।
प्रश्न 3: उपराष्ट्रपति पद पर उनकी क्या जिम्मेदारियां होंगी? उत्तर: वे राज्यसभा के सभापति होंगे और सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के साथ-साथ लोकतांत्रिक परंपराओं को बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाएंगे।
प्रश्न 4: उनकी राजनीतिक यात्रा का सबसे अहम पड़ाव क्या है? उत्तर: उनका लोकसभा सदस्य चुना जाना और भाजपा संगठन में दक्षिण भारत में विस्तार करना उनकी यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा।
प्रश्न 5: इस चुनाव के क्या राजनीतिक निहितार्थ हैं? उत्तर: यह नतीजा NDA की मजबूती और विपक्षी दलों के भीतर मतभेद को दर्शाता है। साथ ही, भाजपा की दक्षिण भारत में रणनीतिक मजबूती को भी उजागर करता है