नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव मामला
नैनीताल (उत्तराखंड)। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान हुआ बवाल अब गंभीर मुकदमों तक पहुँच गया है। 14 अगस्त को हुए उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जमकर टकराव हुआ। दोनों दलों ने एक-दूसरे पर अपने समर्थित सदस्यों को किडनैप करने का आरोप लगाया था। अब पुलिस ने इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष समेत 11 नामजद और 15–20 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।
14 अगस्त को मचा था हंगामा
14 अगस्त को जब उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव हो रहे थे, तभी मतदान स्थल पर भारी तनाव देखने को मिला। कांग्रेस का आरोप है कि उसके पांच जिला पंचायत सदस्य अगवा कर लिए गए, जिस कारण वे वोट नहीं कर सके। वहीं, बीजेपी ने भी कांग्रेस पर ऐसे ही आरोप जड़े।
कांग्रेस ने उसी दिन उत्तराखंड हाईकोर्ट का रुख किया। कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीरों पर तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी।
किन पर दर्ज हुआ मुकदमा?
कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी और अन्य परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, प्रत्याशी दीपा दर्मवाल के पति आनंद दर्मवाल समेत 11 लोगों को नामजद किया है। इसके अलावा 15 से 20 अज्ञात लोगों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि सभी आरोपियों पर BNS की धारा 191(2), 115(2), 140(3), 351(3), 352, 74 और 62 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
कांग्रेस के आरोप और विरोध
कांग्रेस के नेता यशपाल आर्य और विधायक सुमित हृदयेश ने भी भाजपा कार्यकर्ताओं पर मारपीट और लोकतंत्र की हत्या करने का गंभीर आरोप लगाया। कांग्रेस का कहना है कि मतदान स्थल के पास ही उनके पांच सदस्य – डिकर सिंह मेवाड़ी, विपिन सिंह, तरुण शर्मा, दीप सिंह बिष्ट और प्रमोद सिंह – को जबरन ले जाया गया।
चुनाव परिणाम सीलबंद
राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान और मतगणना की प्रक्रिया तो पूरी कराई, लेकिन परिणाम घोषित नहीं किए।
नैनीताल जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि चुनाव परिणामों को सीलबंद लिफाफे में डबल लॉकर में सुरक्षित रखा गया है।
अब 18 अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी और वहीं परिणाम पेश किया जाएगा। कोर्ट के आदेश के बाद ही अगली कार्रवाई होगी।
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निष्कर्ष
स्पष्ट है कि उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव केवल राजनीतिक मुकाबला नहीं, बल्कि कानूनी और संवैधानिक चुनौती भी बन चुका है। पुलिस की कार्रवाई और कोर्ट की सुनवाई से ही तय होगा कि इस विवाद का अंत किसके पक्ष में होगा।