
Bhadraj मंदिर प्रवेश पर ड्रेस कोड़े लागू
देहरादून जिले की मसूरी के नज़दीक स्थित Bhadraj मंदिर एक बार फिर चर्चा में है। इस बार मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है। अब यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को पारंपरिक और मर्यादित वस्त्रों में ही प्रवेश मिलेगा।
🚫 छोटे और भड़काऊ कपड़े पहनकर नहीं मिलेगा मंदिर में प्रवेश
Bhadraj मंदिर समिति ने स्पष्ट किया है कि जो भी श्रद्धालु छोटे कपड़े, नाइट सूट, या कटी-फटी जींस जैसे अशोभनीय वस्त्र पहनकर आएंगे, उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर परिसर में पहले से ही तीन साल पुराना सूचना बोर्ड लगा है, जिसमें यह नियम साफ़ तौर पर उल्लेखित है।
🗣️ “यह कोई नया नियम नहीं, अब सख्ती से होगा पालन” – राजेश नौटियाल
Bhadraj मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश नौटियाल ने बताया:
“हाल के समय में कुछ श्रद्धालु ऐसे वस्त्रों में मंदिर आ रहे थे जो धार्मिक मर्यादा के खिलाफ हैं। इसलिए हमने अब सख्ती से इस नियम को लागू करने का फैसला किया है।”
उनके अनुसार, मिनी स्कर्ट, हाफ पैंट, नाइट सूट और फटी हुई जींस जैसी वस्त्र श्रेणियाँ प्रतिबंधित की गई हैं।

🧣 बिना मर्यादित वस्त्रों के आए श्रद्धालुओं को मिलेगा धोती
मंदिर समिति ने यह भी कहा है कि यदि कोई श्रद्धालु अनजाने में ऐसे वस्त्र पहनकर मंदिर पहुंचता है, तो उसे लौटाया नहीं जाएगा। बल्कि मंदिर द्वारा उसे धोती उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वह भगवान के दर्शन उचित तरीके से कर सके।
📍 कहां स्थित है Bhadraj मंदिर?
- स्थान: मसूरी से लगभग 10 किलोमीटर दूर
- ऊंचाई: समुद्र तल से 7,267 फीट
- देवता: भगवान बलभद्र (बलराम)
- विशेष आयोजन: हर वर्ष 16 व 17 अगस्त को आयोजित होता है भव्य मेला, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
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🛕 Bhadraj मंदिर का धार्मिक महत्व
- धार्मिक आस्था: भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम को समर्पित मंदिर
- पर्यटन आकर्षण: ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थल
- सांस्कृतिक संरक्षण: स्थानीय परंपराओं और मर्यादाओं का पालन
🙋♂️ FAQs – Bhadraj मंदिर ड्रेस कोड पर सामान्य प्रश्न
Q1.क्या डेनिम या फटी जींस में Bhadraj मंदिर में प्रवेश की अनुमति है??
नहीं, कटी-फटी जींस पहनकर मंदिर परिसर में प्रवेश वर्जित है।
Q2. क्या महिला श्रद्धालु स्कर्ट पहनकर मंदिर जा सकती हैं?
नहीं, स्कर्ट और मिनी स्कर्ट जैसी पोशाकें अनुमति योग्य नहीं हैं।
Q3. बिना पारंपरिक कपड़ों के आने पर क्या होगा?
मंदिर समिति ऐसे श्रद्धालुओं को धोती प्रदान करेगी जिससे वे दर्शन कर सकें।