
Uttarkashi landslide : यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर भूस्खलन के बाद रेस्क्यू शुरू
उत्तरकाशी ज़िले के यमुनोत्री पैदल मार्ग पर सोमवार को हुए Uttarkashi landslide के बाद मंगलवार सुबह फिर से खोज और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। यह भूस्खलन नौकैंची के पास हुआ, जहां भारी मलबा और बोल्डर गिरने से कई लोग दब गए।
Uttarkashi landslide : अब तक दो की मौत, एक घायल
सोमवार शाम तक एक 12 वर्षीय बच्ची सहित दो शव बरामद किए गए, जबकि एक घायल को जानकीचट्टी स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया।
मृतकों की पहचान:
- हरिशंकर (47 वर्ष), उत्तर प्रदेश
- ख्याति (9 वर्ष), पुत्री हरिशंकर
घायल:
- रसिक भाई (मुंबई, महाराष्ट्र)
लापता:
- भाविका शर्मा (11 वर्ष), दिल्ली
- कमलेश जेठवा (35 वर्ष), महाराष्ट्र
Uttarkashi landslide रेस्क्यू में बाधा बनी बारिश
सोमवार रात करीब 9 बजे तेज बारिश के कारण रेस्क्यू रोकना पड़ा। घटनास्थल पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमों को तैनात किया गया है। फिलहाल यात्रियों को जानकीचट्टी और उससे पहले ही रोक दिया गया है।
वैकल्पिक मार्ग की योजना
चौकी प्रभारी गंभीर सिंह तोमर के अनुसार, जिला अधिकारी के निर्देश के बाद भंडेली गाड़ यमुनोत्री वैकल्पिक मार्ग पर यातायात संचालित किया जा सकता है। हालांकि यह मार्ग भी जोखिमभरा बताया जा रहा है।
यमुनोत्री विधायक मौके के लिए रवाना
विधायक संजय डोभाल घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। प्रशासन द्वारा हालात की निगरानी की जा रही है।
भारी बारिश का अलर्ट: 26 जून तक राज्य में सतर्कता
मौसम विभाग ने 22 से 26 जून तक उत्तराखंड के कई जिलों—देहरादून, नैनीताल, टिहरी, चंपावत—में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने संबंधित जिलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
यह भी पढे – उत्तराखंड मौसम अपडेट: पहाड़ों पर आफत की बारिश, कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट
गंगोत्री हाईवे पर सुक्की के सात नाले फिर बने मुसीबत
गंगोत्री हाईवे पर सुक्की के सात नालों के सुधार को लेकर बीआरओ (Border Roads Organisation) की लापरवाही फिर सामने आई है। हर वर्ष की तरह इन नालों में बारिश के दौरान जलस्तर और मलबा बढ़ने से चारधाम यात्रियों सहित स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय लोगों की माँग
संजय राणा, अजय नेगी, मनोज नेगी जैसे स्थानीय निवासियों ने बताया कि ये नाले वर्षों से खतरा बने हुए हैं। सेना, ITBP और ग्रामीणों को रोजाना जान जोखिम में डालकर इनसे गुजरना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने बीआरओ और प्रशासन से सुरक्षा कार्य की माँग की है।
निष्कर्ष
Uttarkashi landslide ने न केवल चारधाम यात्रा को प्रभावित किया है, बल्कि क्षेत्र में मूलभूत सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर कर दिया है। प्रशासन और एजेंसियों को इस पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।