हाईकोर्ट में हाकम सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई

“Uksssc पेपर लीक कांड: हाकम सिंह की जमानत पर हाईकोर्ट में बड़ा मोड़, सरकार को मिला सिर्फ दो हफ्तों का वक्त!”

“Uksssc पेपर लीक कांड: हाकम सिंह की जमानत पर हुई सुनवाई

नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार हाकम सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की एकलपीठ में हुई इस सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया। सरकारी पक्ष ने विस्तृत उत्तर और आपत्ति दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।

हाकम सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उन्हें इस मामले में बेवजह फंसाया गया है। गौरतलब है कि यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा से एक दिन पहले पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने हाकम सिंह रावत और उनके सहयोगी को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने छह अभ्यर्थियों से परीक्षा में नकल कराने के लिए 15-15 लाख रुपये की मांग की थी। सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई में पुलिस ने दोनों को रंगे हाथों दबोच लिया था।

हाकम सिंह कौन हैं ?

उत्तराखंड में पिछले कुछ महीनों से uksssc पेपर लीक स्कैंडल सुर्खियों में है, और इस पूरे मामले में सबसे ज़्यादा चर्चा जिस नाम की हो रही है, वो है हाकम सिंह। बताया जाता है कि वह इस पूरे रैकेट का मुख्य आरोपी यानी “मास्टरमाइंड” है।
हाकम सिंह उत्तरकाशी जिले के लिवाड़ी गाँव के रहने वाले हैं और पहले सरकारी सेवा में भी रह चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेकर उन्हें पास करवाने का वादा किया था।

पुलिस जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं—जैसे कि पेपर परीक्षा शुरू होने से पहले ही कुछ लोगों तक पहुँच गया था। यही कारण है कि इस पूरे घोटाले ने उत्तराखंड सरकार की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


पेपर लीक मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला उस वक्त सामने आया जब राज्य में हुई ग्रेजुएट-लेवल परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया पर लीक हुआ।

  • परीक्षा शुरू होने के कुछ ही समय बाद पेपर बाहर आ गया।
  • जांच में सामने आया कि कुछ कोचिंग सेंटरों और अधिकारियों के साथ मिलकर पेपर को पहले से बेचा जा रहा था।
  • कई उम्मीदवारों से ₹10 लाख से ₹15 लाख तक की रकम वसूली गई।

एसटीएफ ने जांच के बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें सबसे प्रमुख नाम हाकम सिंह का रहा। उनके घर से संदिग्ध दस्तावेज़, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और नकदी बरामद हुई थी।

हाकम सिंह Arrested Uksssc paper leak mastermind

हाकम सिंह की जमानत याचिका पर क्या हुआ?

नैनीताल उच्च न्यायालय में हाकम सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई । अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और अगले आदेश तक फैसला सुरक्षित रख लिया है।

अभियोजन पक्ष का कहना है:

  • आरोप बेहद गंभीर हैं और आरोपी के पास से कई अहम सबूत मिले हैं।
  • जमानत मिलने पर वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है।
  • यह भी तर्क दिया गया कि आरोपी का नेटवर्क राज्य से बाहर तक फैला हुआ है।

बचाव पक्ष का तर्क है:

  • अभी तक दोष साबित नहीं हुआ है।
  • लंबे समय से जेल में रहने के कारण आरोपी को मानवीय आधार पर राहत दी जानी चाहिए।
  • आरोपी न्यायालय की सभी शर्तों का पालन करने को तैयार है।

अदालत ने सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द इस पर आदेश आ सकता है।


सरकार और समाज की प्रतिक्रिया

पेपर लीक कांड ने राज्य में युवाओं के बीच भारी आक्रोश पैदा किया है।

  • बेरोजगार संगठन लगातार सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
  • राज्य सरकार ने एसटीएफ को जांच सौंपी और कई निलंबन आदेश जारी किए।
  • मुख्यमंत्री ने खुद बयान दिया कि “किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”

वहीं, हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बाद कई और अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी शक की सुई घूमी है।


क्या हाकम सिंह को मिलेगी जमानत?

यह सवाल अब सबसे बड़ा है। कानूनी जानकारों का मानना है कि चूँकि मामला “सार्वजनिक हित” से जुड़ा है, इसलिए अदालत सावधानी से फैसला लेगी।
अगर हाकम सिंह को जमानत मिलती है, तो वह अपनी बचाव रणनीति मजबूत कर पाएँगे।
लेकिन अगर जमानत नामंजूर होती है, तो यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि अदालत ऐसे अपराधों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति रखती है।


आगे की संभावनाएँ

अगर जमानत याचिका मंजूर होती है, तो अभियोजन पक्ष ऊपरी अदालत में अपील कर सकता है।
वहीं, यदि याचिका खारिज होती है, तो हाकम सिंह को कुछ और समय के लिए जेल में रहना होगा।
कानूनी प्रक्रिया के अगले चरण में चार्जशीट और गवाहों के बयान अहम भूमिका निभाएँगे।


निष्कर्ष

हाकम सिंह का केस सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि सिस्टम की पारदर्शिता और युवाओं के भविष्य से जुड़ा सवाल बन चुका है।
हाई कोर्ट का आने वाला फैसला यह तय करेगा कि न्याय व्यवस्था किस दिशा में जाती है—क्या आरोपी को राहत मिलेगी या जांच एजेंसियों का पक्ष मजबूत रहेगा।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. हाकम सिंह कौन हैं?
वह उत्तराखंड के चर्चित पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी हैं, जिन पर अभ्यर्थियों से पैसे लेकर परीक्षा के पेपर लीक करवाने का आरोप है।

2. हाकम सिंह पर कौन-कौन से आरोप हैं?
उन पर भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, सरकारी गोपनीय दस्तावेज़ लीक करने और साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

3. क्या हाकम सिंह की जमानत मिल गई है?
अभी अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है, यानी सुनवाई पूरी हो चुकी है और आदेश जल्द आने वाला है।

4. पेपर लीक मामले की जांच कौन कर रहा है?
उत्तराखंड एसटीएफ इस मामले की जांच कर रही है और अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

5. क्या इस मामले में और लोग भी शामिल हैं?
हाँ, जांच में कई अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी भूमिका की पड़ताल जारी है।

6. जमानत मिलने या न मिलने का असर क्या होगा?
अगर जमानत मिलती है, तो बचाव पक्ष को राहत मिलेगी; अगर नहीं, तो जांच और तेज़ होगी तथा कोर्ट ट्रायल जल्द शुरू हो सकता है।


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