इतिहास रच रहा है तृतीय केदार , सिर्फ 60 दिन में पहुँचे 90,000 भक्त !
तृतीय केदार Tungnath धाम में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ आमद
चमोली (उत्तराखंड): हिमालय की गोद में बसे तुंगनाथ धाम (Tungnath Dham), जो कि पंचकेदारों में तीसरा केदार है, में इस वर्ष तीर्थयात्रियों की संख्या ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। मंदिर समिति से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, केवल 60 दिनों में 90,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने धाम में पहुंचकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक किया।
Tungnath : सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर
समुद्र तल से 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर को दुनिया का सबसे ऊंचाई वाला शिव मंदिर माना जाता है। यह मंदिर चंद्रशिला शिखर की तलहटी में स्थित है और श्रद्धालुओं के साथ-साथ ट्रेकिंग प्रेमियों के बीच भी खासा लोकप्रिय है।
📊 बीते साल की तुलना में रिकॉर्ड तोड़ा
पिछले वर्ष यही आंकड़ा 86 दिनों में पार हुआ था, लेकिन इस बार केवल 60 दिन में ही 90 हजार तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं। इससे यह साफ संकेत मिलता है कि Tungnath घाटी में तीर्थाटन और पर्यटन का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
मंदिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण का कहना है कि, “कपाट बंद होने तक यह आंकड़ा 2 लाख के पार भी पहुंच सकता है।”
🌧️ मानसून के बाद गिरावट, सावन में फिर उछाल की उम्मीद
हाल ही में मानसून की वापसी के बाद Tungnth आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में कुछ गिरावट देखी गई है। लेकिन शिव भक्तों का पवित्र महीना सावन शुरू होते ही आवाजाही में फिर से भारी इजाफा होने की संभावना है।
मंदिर प्रबंधक बलवीर सिंह नेगी ने बताया, “सावन मास के दौरान भक्तों की संख्या में और तेजी देखने को मिल सकती है।”
📅 कपाट खुलने की तिथि और अब तक की स्थिति
इस वर्ष 2 मई 2025 को तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोले गए थे। कपाट खुलने के मात्र 60 दिन में ही 90,000 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यह दर्शाता है कि तुंगनाथ धाम की आस्था और पर्यटन में लगातार वृद्धि हो रही है।
🚶 चोपता से चंद्रशिला तक का अनुभव
पर्यटक चोपता से लेकर चंद्रशिला शिखर तक की ट्रेकिंग को यादगार अनुभव मानते हैं। हालांकि Tungnath मंदिर समिति के आंकड़ों में केवल वही तीर्थयात्री दर्ज किए जाते हैं जो तुंगनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। चंद्रशिला तक सीधे जाने वाले पर्यटकों की गिनती मंदिर समिति में दर्ज नहीं होती।
इंदौर की दिशा पाठक बताती हैं, “चंद्रशिला से जो नजारा देखने को मिला, वो जीवन भर याद रहेगा।”
लखनऊ की प्रतिभा कहती हैं, “भुजगली से चंद्रशिला तक का क्षेत्र हरा-भरा और अत्यंत मनोहारी है। यहां की शांति और प्रकृति की सुंदरता से लौटने का मन ही नहीं करता।”
🌿 भुजगली और चंद्रशिला की हरियाली का जादू
मंदिर समिति के चंद्रमोहन बजवाल के अनुसार, भुजगली से चंद्रशिला तक फैली हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य के चलते पर्यटक, सैलानी और श्रद्धालु इस क्षेत्र की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “बुग्यालों की हरियाली लोगों को मंत्रमुग्ध कर रही है और लोग यहां खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं।”
FAQ
❓ Tungnath धाम कहां स्थित है? उत्तर: तुंगनाथ धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है और समुद्र तल से 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
❓ तुंगनाथ मंदिर क्यों प्रसिद्ध है? उत्तर: यह पंचकेदारों में तीसरा केदार है और इसे विश्व का सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर माना जाता है।
❓ तुंगनाथ की यात्रा कब शुरू होती है? उत्तर: आमतौर पर तुंगनाथ मंदिर के कपाट हर साल मई में खोले जाते हैं और अक्टूबर-नवंबर में शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं।
❓ चंद्रशिला ट्रेक कहां से शुरू होता है? उत्तर: चंद्रशिला ट्रेक चोपता से शुरू होकर तुंगनाथ होते हुए चंद्रशिला तक जाता है।
Tungnath धाम में तीर्थयात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि उत्तराखंड के आध्यात्मिक व पर्यटन स्थलों में लोगों की आस्था और आकर्षण दोनों ही दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। आने वाले सावन माह में इस संख्या में और तेजी आने की संभावना है।