🌿 15 नवंबर से खुलेगा रोमांच का संसार: Rajaji and Corbett Tiger Reserve में फिर गूंजेगी सैलानियों की रौनक
उत्तराखंड के जंगलों में एक बार फिर गूंजने जा रही है सैलानियों की आवाज़। लंबे मानसून ब्रेक के बाद 15 नवंबर से राजाजी और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व दोनों पूरी तरह से पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे। वन्यजीव प्रेमियों और नेचर लवर्स के लिए यह खबर किसी त्योहार से कम नहीं है।
मानसून के महीनों में जब जंगल हरियाली से भर जाते हैं, तब वन विभाग इन अभयारण्यों को बंद रखता है ताकि जानवरों को आराम और प्राकृतिक प्रजनन का समय मिल सके। लेकिन अब मौसम बदलते ही जंगलों की फिज़ा में फिर से रोमांच लौटने वाला है। इस बार न सिर्फ डे विजिट बल्कि नाइट स्टे सफारी की भी अनुमति होगी — यानी अब आप रात में भी जंगल की रहस्यमयी खामोशी और जंगली जीवन का अनुभव ले सकते हैं।
राजाजी टाइगर रिजर्व: गंगा किनारे बसे हरियाले जंगलों में रोमांच
देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच फैला राजाजी टाइगर रिजर्व अपने घने साल के जंगलों और जंगली हाथियों के झुंड के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ चार प्रमुख टूरिज्म जोन — चीला, मोतीचूर, मोहान और रानीपुर — 15 नवंबर से सैलानियों के लिए खोल दिए जाएंगे।
ऑनलाइन बुकिंग और सफारी स्लॉट्स
वन विभाग ने पूरी बुकिंग प्रक्रिया को डिजिटल बना दिया है। पर्यटक अब अपने घर बैठे ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं और अपनी पसंद के जोन में सफारी स्लॉट चुन सकते हैं।
बुकिंग के लिए पहचान पत्र, तारीख और वाहन की जानकारी देना आवश्यक है।
प्रत्येक वाहन में अधिकतम छह पर्यटकों को अनुमति दी जाती है, जिससे भीड़भाड़ से बचा जा सके और वन्यजीवों का प्राकृतिक माहौल बना रहे।
सफारी शुल्क और समय-सारिणी
राजाजी में सफारी की फीस 2000 से 3000 रुपए तक होती है, जो जोन और समय के आधार पर बदलती है। सुबह और शाम, दोनो समय सफारी की सुविधा दी जाएगी।
सुबह की सफारी सूर्योदय के साथ शुरू होती है और शाम की सफारी सूर्यास्त तक चलती है।
विदेशी सैलानियों के लिए शुल्क थोड़ा अधिक रहता है, लेकिन अनुभव उतना ही शानदार होता है।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व: जहां टाइगर और रोमांच दोनों हैं करीब
उत्तराखंड का सबसे प्रसिद्ध अभयारण्य कॉर्बेट टाइगर रिजर्व न केवल भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है, बल्कि यह वाइल्डलाइफ टूरिज्म का दिल भी माना जाता है।
यहाँ ढिकाला, दुर्गा देवी, सोना नदी और वतनवसा जोन 15 नवंबर से पर्यटकों के लिए खुलेंगे।
वहीं बिजरानी जोन पहले ही 15 अक्टूबर से डे विजिट के लिए खोल दिया गया था।
ढेला, गर्जिया और झिरना जोन पूरे साल खुले रहते हैं।
ऑनलाइन कॉर्बेट बुकिंग
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की बुकिंग आधिकारिक वेबसाइट www.corbettonline.uk.gov.in पर की जा सकती है।
यहाँ पर्यटक वाहन, गाइड और रेस्ट हाउस — तीनों की बुकिंग एक साथ कर सकते हैं।
बुकिंग के दौरान पर्यटकों को पहचान पत्र और विजिट डेट की जानकारी देना अनिवार्य है।
शुल्क और सुविधाएं
कॉर्बेट में सफारी शुल्क जोन के अनुसार 3000 से 5000 रुपए तक होता है। विदेशी सैलानियों के लिए यह राशि थोड़ी अधिक निर्धारित की गई है।
हर वाहन में अधिकतम छह लोग जा सकते हैं, जिससे सफारी का अनुभव अधिक व्यक्तिगत और शांतिपूर्ण बनता है।
ढिकाला जोन में नाइट स्टे के लिए विशेष रेस्ट हाउस की व्यवस्था है, जहाँ से गंगा जैसी नदियों की कलकल और बाघों की दहाड़ एक साथ सुनाई देती है।

Rajaji and Corbett Tiger Reserve : सफारी तक कैसे पहुंचे?
राजाजी तक पहुँचने के मार्ग
- हरिद्वार से चीला गेट की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है।
- मोतीचूर गेट देहरादून-हरिद्वार हाईवे पर स्थित है।
- देहरादून और हरिद्वार रेलवे स्टेशन से नियमित टैक्सी और बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
कॉर्बेट तक पहुँचने का तरीका
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का मुख्य प्रवेश द्वार रामनगर (नैनीताल) में स्थित है।
रामनगर रेलवे स्टेशन दिल्ली, देहरादून और लखनऊ से सीधी ट्रेन सेवाओं से जुड़ा हुआ है।
स्टेशन से सफारी जोन तक टैक्सी और जीप सेवाएं आसानी से मिल जाती हैं।
वन्यजीवों की दुनिया: जहां टाइगर, हाथी और पक्षियों का साम्राज्य है
राजाजी और कॉर्बेट दोनों रिजर्व ऐसे हैं जहाँ टाइगर, तेंदुआ, हाथी, हिरण, भालू और सैकड़ों प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं।
ढिकाला जोन में टाइगर और हाथियों के झुंड अक्सर दिखाई देते हैं। वहीं राजाजी रिजर्व की खासियत है गंगा किनारे की हरियाली और जंगली हाथियों का झुंड, जो पर्यटकों के लिए अनोखा दृश्य प्रस्तुत करता है।
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, इन दोनों रिजर्वों में पक्षी-प्रेमियों के लिए भी अनूठे अवसर हैं। यहाँ सारस, किंगफिशर, हॉर्नबिल, मोर, उल्लू और गिद्ध जैसी प्रजातियाँ सामान्य रूप से दिखाई देती हैं।
नाइट स्टे और रेस्ट हाउस: जंगल में रहने का असली अनुभव
कॉर्बेट और राजाजी दोनों रिजर्वों में वन विभाग ने नाइट स्टे की शानदार व्यवस्था की है।
कॉर्बेट में ठहरने के विकल्प
- ढिकाला जोन के रेस्ट हाउस में ठहरने की दर लगभग ₹4000 से ₹7000 प्रति रात है।
- यहाँ से सूर्योदय का दृश्य और जंगल की आवाज़ें एक साथ देखने-सुनने का अनुभव अनोखा होता है।
- बुकिंग पहले से करना आवश्यक है क्योंकि नाइट स्टे की सीमित सीटें जल्दी भर जाती हैं।
राजाजी में ठहरने के विकल्प
- चीला और मोहान जोन के पास ₹1500 से ₹3000 तक के बजट रेस्ट हाउस और ईको-हट्स उपलब्ध हैं।
- रिजर्व के अंदर भोजन के लिए कैंटीन और छोटे रेस्टोरेंट्स भी हैं।
- पर्यटकों को अपना भोजन लाने की अनुमति है, लेकिन प्लास्टिक या कचरा फैलाने पर जुर्माना लगाया जाता है।
नियमों का पालन अनिवार्य
वन विभाग ने सभी पर्यटकों से अपील की है कि वे जंगल के नियमों का कड़ाई से पालन करें।
सफारी के दौरान वाहन से उतरना, तेज आवाज़ में संगीत बजाना, या जानवरों को खाना खिलाना पूरी तरह प्रतिबंधित है।
गाइड और ड्राइवर के निर्देशों का पालन करना जरूरी है, ताकि न केवल पर्यटकों की सुरक्षा बनी रहे बल्कि वन्यजीवों का प्राकृतिक वातावरण भी सुरक्षित रहे।
वाइल्डलाइफ टूरिज्म को नई रफ्तार
राजाजी और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के खुलने से उत्तराखंड में वाइल्डलाइफ टूरिज्म को एक नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।
हर साल देश-विदेश से लाखों सैलानी इन रिजर्वों में आते हैं, जिससे स्थानीय लोगों की रोज़गार और आर्थिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होती है।
राज्य सरकार और वन विभाग भी अब इको-फ्रेंडली टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं।
पर्यटकों के लिए आवश्यक सुझाव
| सुझाव | विवरण |
|---|---|
| पहले से बुकिंग करें | नवंबर से जून तक रिजर्व फुल रहते हैं, इसलिए अग्रिम बुकिंग जरूरी है। |
| पर्यावरण का सम्मान करें | कचरा न फैलाएं और शोर न करें। |
| आरामदायक कपड़े पहनें | हल्के और जंगल के रंगों से मेल खाते कपड़े पहनें। |
| सफारी के नियम जानें | गाइड के निर्देशों का पालन अनिवार्य है। |
| कैमरा और दूरबीन साथ रखें | दुर्लभ प्रजातियों को देखने का मौका मिलेगा। |
निष्कर्ष: प्रकृति और रोमांच का अनोखा संगम
15 नवंबर से जब राजाजी और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के गेट खुलेंगे, तो एक बार फिर प्रकृति प्रेमियों के चेहरों पर मुस्कान लौट आएगी।
हर पेड़, हर पगडंडी, हर आवाज़ — जंगल की आत्मा से परिचय कराएगी।
यह सिर्फ सफारी नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ने का अनुभव है।
जंगल की शांति, जानवरों का जीवन, और सुबह-सुबह की ठंडी हवा — सब मिलकर एक ऐसा अनुभव देती है जो ज़िंदगीभर याद रहता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
राजाजी और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व कब खुलते हैं?
दोनों रिजर्व हर साल मानसून के बाद 15 नवंबर से जून तक पर्यटकों के लिए खुले रहते हैं।
सफारी की बुकिंग कैसे करें?
बुकिंग पूरी तरह ऑनलाइन होती है। राजाजी और कॉर्बेट दोनों की आधिकारिक वेबसाइटों पर जाकर स्लॉट चुना जा सकता है।
नाइट स्टे की सुविधा कहाँ है?
कॉर्बेट के ढिकाला और राजाजी के चीला जोन में नाइट स्टे की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध है।
क्या विदेशी पर्यटकों के लिए शुल्क अलग है?
हाँ, विदेशी सैलानियों के लिए शुल्क भारतीय पर्यटकों की तुलना में थोड़ा अधिक होता है।
कौन-कौन से जानवर देखने को मिलते हैं?
टाइगर, तेंदुआ, हाथी, हिरण, घुरड़, भालू और सैकड़ों प्रजातियों के पक्षी इन रिजर्वों में देखे जा सकते हैं।
सबसे अच्छा समय कब होता है?
नवंबर से जून के बीच का समय वाइल्डलाइफ देखने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।




