
Prayagraj Flood : बाढ़ से तबाही का मंजर
Prayagraj Flood : प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर अब घटने लगा है, लेकिन बाढ़ के निशान लोगों की जिंदगी में गहरी छाप छोड़ चुके हैं। करीब पांच लाख लोगों की जिंदगी इस आपदा से प्रभावित हुई है, जिनमें से 70 हजार से अधिक बेघर हो चुके हैं। कई क्षेत्रों में भोजन और पेयजल का संकट अब भी बरकरार है।
🏚️ घर, मोहल्ले और गांव जलमग्न
Prayagraj Flood : 2000 से अधिक घरों में नुकसान की आशंका है जो पिछले 6 दिनों से पानी में डूबे हुए हैं। जिले के करीब 290 गांव और शहर के 60 मोहल्ले अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं। राहत के लिए प्रशासन ने 21 राहत शिविरों में 9368 लोगों को शरण दी है, जबकि अन्य लोग रिश्तेदारों या किराए के कमरों में रहने को मजबूर हैं।

🚤 राहत और बचाव कार्य जारी
प्रशासन ने राहत कार्यों में तेजी लाते हुए 330 नावें और 29 मोटरबोट राहत कार्यों में लगाई हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 630 जवानों की टीम लगातार बाढ़ में फंसे लोगों को बचा रही है। फिलहाल 68 गांवों का संपर्क पूरी तरह से कटा हुआ है।
🥬 फसलों का भारी नुकसान
कृषि विभाग के अनुसार, Prayagraj Flood से 2000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बोई गई धान और सब्जी की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। करीब 290 गांवों के किसान इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा है कि सभी तहसीलों में फसल क्षति आकलन टीमों का गठन कर दिया गया है।

🛣️ सड़कें और पुल भी नहीं बचे
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक 200 से अधिक सड़कें और पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लगभग 60 से अधिक मार्गों पर यातायात पूरी तरह से ठप है। डीएम ने निर्देश दिए हैं कि जलस्तर कम होते ही सभी क्षतिग्रस्त सड़कों का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जाए ताकि मरम्मत कार्य तेजी से शुरू किया जा सके।

💉 संक्रमण और बीमारियों का खतरा
बाढ़ के कारण गंदगी और जलभराव से संक्रमण और संक्रामक बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। पानी, दूध, और एलपीजी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की कमी भी लोगों की समस्याएं और बढ़ा रही है।
📊 ऐतिहासिक तुलना: 1978 और 2013 की बाढ़
वर्ष | प्रभावित गांव | फसल क्षति (हेक्टेयर) | भवन क्षति |
---|---|---|---|
1978 | 1075 | 1,24,412 | 5023 |
2013 | 233 | 8000 | – |
इस बार Prayagraj Flood ने फिर से पुराने जख्मों को ताजा कर दिया है।

📌 प्रशासन की तैयारियां और निर्देश
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने नगर आयुक्त को जलस्तर घटते ही विशेष सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग, नगर निगम और जिला पंचायत के अधिकारियों को तुरंत सड़कों और पुलों की सूची बनाकर रिपोर्ट देने का आदेश भी दिया गया है ताकि बजट आवंटन और मरम्मत कार्य में देरी न हो।
🧾 निष्कर्ष
Prayagraj Flood ने न केवल लोगों को बेघर किया बल्कि प्राकृतिक संसाधनों, कृषि और बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि जलस्तर घट रहा है, लेकिन बाढ़ का असर आने वाले महीनों तक लोगों की जिंदगी में महसूस किया जाएगा। प्रशासन अब भी राहत और पुनर्वास कार्यों में लगा हुआ है, लेकिन इस आपदा से उबरने में समय और संसाधनों की अहम भूमिका होगी।
🙋♀️ Frequently Asked Questions (FAQ)
❓ Prayagraj Flood से कितने लोग प्रभावित हुए हैं?
लगभग 5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 70 हजार से अधिक बेघर हो चुके हैं।
❓ बाढ़ से किसानों को कितना नुकसान हुआ है?
करीब 2000 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें, विशेषकर धान और सब्जियां, पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं।
❓ क्या अभी भी बाढ़ का खतरा है?
गंगा और यमुना का जलस्तर अब घट रहा है, लेकिन कई इलाकों में अब भी पानी जमा हुआ है।
❓ प्रशासन क्या कर रहा है?
प्रशासन ने राहत शिविर, नावें, मोटरबोट और बचाव दल तैनात किए हैं। सड़कों और फसलों की क्षति का आकलन भी शुरू हो गया है।