
21 साल की Nikita ने रचा इतिहास , उत्तराखंड की धरती से उभरी युवा नेतृत्व की मिसाल
अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया ब्लॉक में एक नया इतिहास रच दिया गया है। महज 21 वर्ष की उम्र में Nikita ने कोट्यूड़ा ताल क्षेत्र पंचायत सीट से जीत दर्ज करते हुए सबको चौंका दिया है। यह जीत सिर्फ एक चुनावी परिणाम नहीं, बल्कि ग्रामीण बेटियों की ताकत, शिक्षा की अहमियत और महिला सशक्तिकरण की एक प्रेरक मिसाल है।
📊 निकिता की जीत का गणित
- प्राप्त वोट (Nikita): 456
- वोट (प्रतिद्वंदी निशा): 415
- रद्द मत: 14
- मतों का अंतर: 41 वोट
इस कड़े मुकाबले में Nikita ने अपनी समझदारी और जनता से सीधे जुड़ाव के बलबूते पर लोगों का दिल जीता। उनकी जीत के बाद पूरे क्षेत्र में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ गई है।
🎓 छात्रा, विचारशील नेता और ग्रामीण हितों की समर्थक
वर्तमान में B.A. की छात्रा निकिता ने चुनाव जीतने के बाद कहा,
“अब महिलाएं सिर्फ वोटर नहीं, नेता भी बनेंगी। हम नेतृत्व करेंगे, फैसले लेंगे और गांव की दिशा तय करेंगे।”
उनका विजन साफ है—ग्रामीण महिलाओं को शिक्षित करना, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना और क्षेत्र का समग्र विकास करना।
💬 निकिता का संकल्प:
“लड़कियां अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। राजनीति में महिलाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं और हर युवती को इसमें आगे आना चाहिए।”
🌱 महिला सशक्तिकरण की नई किरण
Nikita की यह जीत सिर्फ कोट्यूड़ा ताल तक सीमित नहीं है। यह उन हजारों ग्रामीण लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखती हैं लेकिन रास्ता नहीं जानतीं। उनकी सादगी, शिक्षा और सेवा भाव ने उन्हें आज वह स्थान दिलाया है जिसे हर युवा लीडर पाना चाहता है।
🔗 उत्तराखंड पंचायत चुनाव
❓ FAQ
Q. निकिता ने कितने वोटों से जीत दर्ज की?
A. निकिता ने 41 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
Q. निकिता की प्रमुख प्राथमिकताएं क्या हैं?
A. महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य जागरूकता और क्षेत्र का विकास।
Q. निकिता की उम्र क्या है?
A. निकिता सिर्फ 21 वर्ष की हैं।
Q. निकिता किस सीट से जीती हैं?
A. कोट्यूड़ा ताल क्षेत्र पंचायत सीट से।
Q. निकिता की जीत का सामाजिक संदेश क्या है?
A. यह जीत दर्शाती है कि महिलाएं राजनीति में भी सशक्त नेतृत्व कर सकती हैं।