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“किस दिन मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी ? जानें तारीख, समय और महत्व”

📜 Krishna Janmashtmi: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की अद्भुत महिमा

Krishna Janmashtmi हिंदू धर्म का एक प्रमुख और पावन पर्व है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में पूरे भारत और दुनिया के कई हिस्सों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को, विशेष रूप से मध्यरात्रि में, श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।


🕉️ Krishna Janmashtmi का महत्व

Krishna Janmashtmi केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि यह प्रेम, धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा की कारागार में हुआ था, ताकि वे कंस के अत्याचार से धरती को मुक्त कर सकें और धर्म की स्थापना कर सकें।


📅 Krishna Janmashtmi की तारीख और समय 2025 में

  • तिथि: 15 अगस्त 2025 (भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी)
  • निशीथ काल: रात 11:57 बजे से 12:43 बजे तक
  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त रात 11:49 बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 16 अगस्त सुबह 9:34 बजे
Krishna Janmashtmi

🏛️ Krishna Janmashtmi की पौराणिक कथा

पुराणों के अनुसार, मथुरा के राजा कंस ने अपनी बहन देवकी और उनके पति वासुदेव को कैद कर लिया था। एक भविष्यवाणी के अनुसार, देवकी का आठवां पुत्र कंस का अंत करेगा। आठवें संतान के रूप में श्रीकृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ और वासुदेव उन्हें गोकुल ले गए, जहां वे नंद-यशोदा के घर पले-बढ़े।
Krishna Janmashtmi इसी दिव्य घटना की स्मृति में मनाई जाती है।


🎉 Krishna Janmashtmi का उत्सव और परंपराएँ

  1. झूला सजाना: मंदिरों और घरों में भगवान कृष्ण के लिए सुंदर झूले सजाए जाते हैं।
  2. मटकी फोड़ (Dahi Handi): महाराष्ट्र और गुजरात में दही-हांडी का आयोजन होता है, जिसमें मानव पिरामिड बनाकर मटकी फोड़ी जाती है।
  3. रात्रि जागरण: भक्तजन रातभर भजन-कीर्तन करते हैं और मध्यरात्रि में भगवान का जन्मोत्सव मनाते हैं।
  4. उपवास और पूजा: कई भक्तजन दिनभर व्रत रखते हैं और भगवान का अभिषेक दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से करते हैं।

🌍 Krishna Janmashtmi का वैश्विक महत्व

भारत के अलावा, नेपाल, मॉरीशस, फिजी, अमेरिका, यूके और कई अन्य देशों में भी इस पर्व को बड़े जोश से मनाया जाता है। इस दिन ISKCON (International Society for Krishna Consciousness) मंदिरों में विशेष आयोजन होते हैं।


💡 Krishna Janmashtmi मनाने के फायदे (आध्यात्मिक दृष्टि से)

  • मन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार
  • परिवार में प्रेम और एकता की भावना
  • जीवन में धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा
  • पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति

📌 Krishna Janmashtmi 2025 के लिए विशेष टिप्स

  • घर पर तुलसी का पौधा सजाएँ और भगवान को तुलसी दल अर्पित करें।
  • बच्चों को कृष्ण की बाल लीलाओं की कहानियाँ सुनाएँ।
  • सोशल मीडिया के माध्यम से कृष्ण भक्ति संदेश फैलाएँ।
  • जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।

🙏 निष्कर्ष

Janmashtmi सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह प्रेम, भक्ति और धर्म का प्रतीक है। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को भक्ति, उत्साह और निष्ठा के साथ मनाना हमारे जीवन को सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति से भर देता है।

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FAQ – Krishna Janmashtmi

Q1. Krishna Janmashtmi कब मनाई जाती है?
भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को, विशेषकर आधी रात में।

Q2. Krishna Janmashtmi पर व्रत रखने का क्या महत्व है?
व्रत से शरीर और मन शुद्ध होता है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

Q3. मटकी फोड़ परंपरा क्यों होती है?
यह भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं की याद में की जाती है, जिसमें वे माखन चुराने के लिए मटकी फोड़ा करते थे।


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