Jyeshtha Amavasya 2025

Jyeshtha Amavasya 2025 की धार्मिक मान्यताएं

Jyeshtha Amavasya 2025 का हिन्दू पंचांग में विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन श्रद्धालु पितरों की शांति के लिए तर्पण, दान और स्नान का पुण्य अर्जित करते हैं। यह अमावस्या ज्येष्ठ मास में आती है, जो गर्मी का चरम समय होता है और धार्मिक दृष्टि से गंगा स्नान और वट सावित्री व्रत की शुरुआत का भी संकेत देती है।

📅 Jyeshtha Amavasya की तिथि और समय:

  • तिथि प्रारंभ: 26 मई 2025, को दोपहर 12:11 बजे से होगा
  • तिथि समाप्त: 27 मई 2025, को सुबह 08:31 बजे होगा

इस वर्ष Jyeshtha Amavasya 26 मई 2025 को मनाई जाएगी, क्योंकि उदया तिथि के अनुसार उसी दिन अमावस्या मानी जाती है।


🔱 Jyeshtha Amavasya का धार्मिक महत्व

Jyeshtha Amavasya को कई महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त माना गया है:

  • पितृ तर्पण और श्राद्ध: यह दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए अति उत्तम माना जाता है। लोग गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान कर तर्पण करते हैं।
  • वट सावित्री व्रत की शुरुआत: विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं। ज्येष्ठ अमावस्या से यह व्रत आरंभ होता है।
  • गंगा स्नान और दान-पुण्य: इस दिन गंगा स्नान विशेष फलदायी माना जाता है। साथ ही, अन्न, वस्त्र, छाता, जल पात्र आदि का दान करने से अत्यधिक पुण्य मिलता है।

🛕 पूजा विधि

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन निम्नलिखित विधि से पूजा करना शुभ माना जाता है:

  1. प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. सूर्य देव को अर्घ्य दें और “ॐ नमः भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  3. तिल, जल और पुष्प के साथ पितरों के लिए तर्पण करें।
  4. जरूरतमंदों को जल, छाता, चप्पल, फल आदि का दान करें।
  5. वट वृक्ष की परिक्रमा कर व्रत कथा सुनें (विशेषकर विवाहित महिलाएं)।

🌟 ज्येष्ठ अमावस्या से जुड़ी मान्यताएं

  • इस दिन किया गया तर्पण अनेक जन्मों के पापों का नाश करता है।
  • गंगा स्नान और दान से समस्त ग्रह दोष शांत होते हैं।
  • वट सावित्री व्रत के शुभारंभ के कारण यह दिन सुहागिनों के लिए विशेष महत्व रखता है।

निष्कर्ष:

ज्येष्ठ अमावस्या 2025 एक पवित्र तिथि है जो धर्म, आस्था और पितृ भक्ति का प्रतीक है। इस दिन पूजा-पाठ, तर्पण और दान-पुण्य करके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति प्राप्त की जा सकती है। यदि आप पितृ दोष से परेशान हैं या पारिवारिक शांति चाहते हैं, तो इस अमावस्या का लाभ अवश्य उठाएं।


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