
🕵️♂️ Haridwar Jameen Ghotala : चार्जशीट से बढ़ी अफसरों की मुश्किलें
हरिद्वार नगर निगम में हुए बहुचर्चित हरिद्वार जमीन घोटाले (Haridwar Jameen Ghotala) में अब बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। शासन स्तर पर की गई जांच के बाद अब अधिकारियों को चार्जशीट (आरोप पत्र) सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
इस घोटाले में शामिल पाए गए 11 अधिकारियों और कर्मचारियों को अलग-अलग विभागों के माध्यम से चार्जशीट दी जाएगी।
🏢 कार्मिक और शहरी विकास विभाग की भूमिका
Haridwar Jameen Ghotala मामले में कार्मिक विभाग और शहरी विकास विभाग अपने-अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं:
- 3 सीनियर अधिकारियों को कार्मिक विभाग चार्जशीट सौंपेगा।
- 8 अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को शहरी विकास विभाग आरोप पत्र देगा।
इनमें दो IAS और एक PCS अधिकारी शामिल हैं।
👨💼 जिन अधिकारियों पर लगे आरोप
Haridwar Jameen Ghotala मामले मे चार्जशीट पाने वाले अधिकारियों में प्रमुख नाम हैं:
- IAS कर्मेन्द्र सिंह (तत्कालीन जिलाधिकारी और नगर निगम प्रशासक)
- IAS वरुण चौधरी (तत्कालीन नगर आयुक्त)
- PCS अजयवीर सिंह (तत्कालीन उपजिलाधिकारी)
इन तीनों अधिकारियों को आरोप पत्र सौंपने से पहले मुख्यमंत्री कार्यालय से अंतिम मंजूरी ली जा रही है।
💰 54 करोड़ की ज़मीन डील का सच
यह पूरा मामला 54 करोड़ रुपये की जमीन खरीद से जुड़ा है, जो बिना शासन की मंजूरी और समितियों की सहमति के की गई थी।
- कोई सरकारी स्वीकृति नहीं ली गई।
- न ही आवश्यक भूमि क्रय समितियों से अनुमोदन लिया गया।
- घोटाले में प्रक्रियागत खामियों के चलते चार्जशीट का सामना करना पड़ रहा है।
🧾 मुख्य सचिव का बयान और आगे की प्रक्रिया
मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अधिकारियों को चार्जशीट देने से संबंधित फाइल उच्च स्तर पर विचाराधीन है और जल्द निर्णय लिया जाएगा।
चार्जशीट मिलने के बाद:
- संबंधित अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना होगा।
- जवाब के बाद जांच अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
- चूंकि इसमें DM स्तर के अफसर शामिल हैं, इसलिए प्रमुख सचिव या वरिष्ठ सचिव स्तर का जांच अधिकारी होगा।
📌 अब तक की कार्रवाई: निलंबन और सेवा समाप्ति
निलंबित अधिकारी (7 जून 2025 तक):
- कर्मेन्द्र सिंह – तत्कालीन डीएम
- वरुण चौधरी – नगर आयुक्त
- अजयवीर सिंह – उपजिलाधिकारी
- निकिता बिष्ट – वित्त अधिकारी
- विक्की – वैयक्तिक सहायक
- राजेश कुमार – कानूनगो
- कमलदास – प्रशासनिक अधिकारी
पूर्व में की गई कार्रवाई:
- रविंद्र कुमार दयाल – सेवा समाप्त
- आनंद सिंह मिश्रवाण – निलंबित
- लक्ष्मी कांत भट्ट – निलंबित
- दिनेश चंद्र कांडपाल – निलंबित
- वेदपाल – सेवा विस्तार समाप्त
❓ FAQs on Haridwar Jameen Ghotala
Q1. हरिद्वार भूमि घोटाला किससे जुड़ा है?
यह घोटाला नगर निगम हरिद्वार द्वारा 54 करोड़ की जमीन खरीद से जुड़ा है, जिसमें शासन और नियमों की अनदेखी हुई।
Q2. कौन-कौन से अधिकारी इस घोटाले में शामिल हैं?
इस मामले में 2 IAS, 1 PCS और अन्य अधिकारी शामिल हैं जिनमें जिलाधिकारी, नगर आयुक्त और उपजिलाधिकारी प्रमुख हैं।
Q3. आगे क्या कार्रवाई हो सकती है?
चार्जशीट मिलने के बाद अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा, और फिर जांच अधिकारी की नियुक्ति होगी।
Q4. क्या यह मामला अब न्यायिक जांच में जा सकता है?
संभव है कि गंभीरता को देखते हुए आगे न्यायिक जांच या कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
📍 निष्कर्ष: सरकार की सख्ती जारी
Haridwar Jameen Ghotala पर अब शासन की नजरें बेहद सख्त हैं। जैसे-जैसे चार्जशीट की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, वैसे ही दोषियों पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। आने वाले समय में इस मामले में और बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई हो सकती है।