
🌐 G7 Summit 2025 : कनाडा के कनानास्किस में विश्व नेताओं का भव्य जमावड़ा
कनाडा के अल्बर्टा स्थित कनानास्किस में 51वां G7 शिखर सम्मेलन 2025 ऐतिहासिक घटनाओं और वैश्विक समीकरणों के बीच आयोजित किया गया। इस अहम मंच पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित विश्व के प्रमुख नेता शामिल हुए।
🔥 क्या बना चर्चा का केंद्र?
- 🔻 मध्य पूर्व संकट: ईरान और इज़राइल के बीच जारी संघर्ष ने सम्मेलन की गति को प्रभावित किया।
- 🔺 अमेरिकी राष्ट्रपति की आकस्मिक वापसी: डोनाल्ड ट्रंप ने सम्मेलन के बीच से ही अचानक प्रस्थान कर लिया, जिससे वैश्विक नेताओं में हलचल मच गई।
- 🔹 भारत-कनाडा वार्ता की संभावना: पीएम मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच द्विपक्षीय वार्ता की उम्मीद जगी है।
🤝 पीएम मोदी की रणनीतिक पहल
प्रधानमंत्री मोदी तीन देशों की आधिकारिक यात्रा पर हैं, और उनकी उपस्थिति इस शिखर सम्मेलन को और अधिक महत्वपूर्ण बना रही है। सम्मेलन के इतर उनकी कनाडा के पीएम मार्क कार्नी से मुलाकात संभावित है, जिससे भारत-कनाडा संबंधों में नई ऊर्जा आ सकती है।
भारत-कनाडा संबंध: एक जटिल अध्याय
नकारात्मक घटनाएं जो चर्चा में रहीं:
- हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर राजनयिक तनाव।
- दोनों देशों के बीच वरिष्ठ राजनयिकों की निष्कासन कार्रवाई।
- भारत की ओर से चरमपंथ और भारत-विरोधी गतिविधियों पर चिंता।
संभावनाओं की किरण:
- G7 Summit 2025 एक नया संवाद मंच बन सकता है।
- दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के प्रयास की उम्मीद।

🌍 वैश्विक शक्ति संतुलन पर चर्चा
G7 Summit 2025 का उद्देश्य केवल आर्थिक नीतियों तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें विश्व शांति, सुरक्षा और भू-राजनीतिक स्थिरता को भी अहमियत दी गई:
- 📈 अर्थव्यवस्था में सहयोग
- 🤝 व्यापार समझौतों की घोषणाएं
- 🕊️ शांति प्रयासों पर चर्चा
डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर के बीच एक प्रमुख व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुआ — यह सम्मेलन की सकारात्मक उपलब्धियों में गिना गया।
🔍 निष्कर्ष: क्या G7 Summit 2025 अपने उद्देश्यों में सफल रहा?
सकारात्मक पक्ष:
- भारत की सक्रिय भागीदारी ने एशिया की भूमिका को मज़बूती दी।
- विश्व नेताओं के बीच व्यापार और कूटनीति पर अहम चर्चाएं हुईं।
नकारात्मक पहलू:
- मध्य पूर्व में युद्ध की छाया ने कई मुद्दों को पीछे धकेल दिया।
- सम्मेलन की निरंतरता पर अमेरिकी राष्ट्रपति की वापसी ने सवाल खड़े किए।
📢 अंतिम संदेश
G7 Summit 2025 एक मजबूत मंच बनकर उभरा है, जहाँ भले ही भू-राजनीतिक चुनौतियाँ रहीं हों, लेकिन संवाद, सहयोग और समाधान की नई उम्मीदें जरूर जगी हैं।
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